सुकन्या समृद्धि योजना में हुए 2 बड़े बदलाव, अब थोड़े से इन्वेस्टमेंट से बन जाएंगे लखपति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी इस योजना में दो बड़े बदलाव किए गए हैं। अगर नहीं जानते हैं तो जान लीजिए बड़े फायदे में रहेंगे। यहां मामूली से इन्वेस्टमेंट से आप लखपति बन सकते हैं। हरिद्वार में योजना के तहत जिले में तीन हजार प्रति वर्ष की औसत से खाते खुल रहे हैं। बीते चार वर्षों में हरिद्वार में सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारकों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। बेटी की शादी के खर्च के साथ ही आयकर में छूट मिलने से भी लोग इस खाते में पैसा जमा कर रहे हैं।बेटियों की शादी के खर्च के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दिसंबर 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। प्रधान डाकघर रुड़की से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना के हर साल तीन हजार नए खाते खोले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत अच्छी ब्याज दर होने और आयकर की धारा 80 जी के तहत छूट मिलने से लोग इस योजना में अपनी बेटियों का का खाता खुलवा रहे हैं।
आपको बता दें कि, केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना न्यूनतम जमा राशि की सीमा 1,000 रुपये से घटाकर 250 रुपये कर दी है। साथ ही अब 250 रुपये सालाना जमा करके भी योजना में निवेश किया जा सकता है। डाकघर या बैंक में 250 रुपये जमा कर सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खोला जाता है। इस खाते में संरक्षक माता या पिता होते हैं। इसमें खाता खुलने की तारीख से 14 साल तक हर साल पैसा जमा करना होता है। यह राशि डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। खाता खोलने की तारीख के 10 साल बाद पुत्री खाते का संचालन स्वयं कर सकती है।
बेटी की आयु 18 वर्ष होने पर उसकी पढ़ाई या शादी के लिए 50 प्रतिशत राशि निकाली जा सकती है। इस खाते में वर्तमान में 8.10 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है। खोलने की तारीख से 21 वर्ष बाद खाता मैच्योर होता है। बेटी की उम्र 21 वर्ष होने के बाद शादी की तारीख आने पर खाता बंद कर पूरी रकम निकाली जा सकती है। बेटी की मौत होने पर संरक्षक को पूरी जमा राशि ब्याज सहित मिलेगी। योजना के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति 14 वर्षों तक अपनी बेटी के नाम से 1.50 लाख रुपये प्रतिवर्ष जमा करवाता है तो बेटी की आयु 21 वर्ष होने पर उस बेटी को 70 लाख रुपये मिलेंगे।
डाक विभाग में आवर्ती जमा (आरडी) के खाताधारकों की संख्या में कमी आई है। बताया जा रहा है कि पहले डाक विभाग में आरडी पर आठ प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाता था, लेकिन वर्तमान में यह दर गिरकर 6.90 प्रतिशत होने के बाद खाताधारकों का रुझान आरडी से कम हो गया है। इसके अलावा बचत खाताधारकों की संख्या में भी कमी आई है।
आवर्ती जमा (आरडी)
2015-16 80831
2016-17 79975
2017-18 79655
सुकन्या समृद्धि योजना की स्थिति
वर्ष खाताधारकों की संख्या
2015-16 13789
2016-17 16697
2017-18 19904
बचत खातों की स्थिति
2015-16 293011
2016-17 279009
2017-18 291856
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जिले में सुकन्या समृद्धि योजना के हर साल करीब तीन हजार खाते खोले जा रहे हैं। योजना का अच्छी तरह से प्रचार-प्रसार होने से लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।