2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा करने पर लगेगा 200% जुर्माना

500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बावजूद आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप 2.5 लाख रुपए तक की रकम बैंक में जमा करा सकते हैं। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिकारी ने बताया कि कोई अपने खाते में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा कराता है तो आयकर विभाग को इसकी जानकारी दी जाएगी।
2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा करने पर लगेगा 200% जुर्माना

ब्लैक मनी जमा कराने पर नहीं मिलेगी अब कोई छूट

आय से ज्यादा संपत्ति पाई गई तो उस पर टैक्स के साथ 200 फीसदी जुर्माना लगेगा। टैक्स अधिकारी यह भी देखेंगे कि 2 लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी खरीदने वाले पैन नंबर दे रहे हैं या नहीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जिनके पास काला धन है उन्हें पैसा जमा कराने पर छूट नहीं मिलेगी। छूट का वक्त बीत गया है।
 
यह आम माफी योजना नहीं है। सोर्स का खुलासा करने होगा। इनसे इनके टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स वसूलेंगे और जुर्माना लेंगे। ज्यादा गड़बडिय़ां मिली तो कानूनी कार्रवार्ई भी होगी। 2000 रुपए का नोट लाने पर जेटली ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बड़ी है। ऐसे में बड़े नोट जरूरी हैं। मोरारजी के वक्त अर्थव्यवस्था में 2 फीसदी बड़े नोट थे। अब 86 फीसदी। ऐसे में यह कदम ठीक है। इससे अर्थव्यस्थआ मजबूत होगी।
 
नोटिस का जवाब नहीं देने पर हो सकती है 1 साल की जेल
 
2.5 लाख से ज्यादा की रकम जमा कराने वाले लोग आयकर विभाग की नजर में आ जाएंगे। उनसे आयकर विभाग नोटिस जारी करके बैंक में जमा पैसे का स्रोत बताने के लिए कहेगा। इस नोटिस के जारी होने के बाद उन लोगों को एक निश्चित अवधि के अंदर अपना आईटीआर जमा करना होगा। यह अवधि आम तौर पर 15 दिनों की होती है। असेसिंग अधिकारी उनसे अपनी बुक्स ऑफ अकाउंट,अन्य दस्तावेज और सूचना जमा कराने को कहेंगे। एओ के पास यह पावर भी है कि वह आपसे अपनी निजी संपत्तियों और बैंक खातों का विवरण मांगें।
 
नोटिस में मौजूदा वित्तीय वर्ष से 3 साल पहले तक की सूचना मांगी जा सकती है। आम तौर पर यह नोटिस सेक्शन 144,148 या 153 ए के तहत एक नोटिस के साथ आएगी। अगर आप इस नोटिस का पालन नहीं करते हैं और एओ को मांगी गई जानकारी मुहैया नहीं कराते हैं तो वह आपकी आय का असेसमेंट करेगा और अपने हिसाब से टैक्स व जुर्माना लगा सकता है। इसके अलावा नोटिस का पालन नहीं करने पर प्रतिदिन न्यूनतम 4 रुपए और अधिकतम 10 रुपए का जुर्माना लगा सकता है और 1 साल तक की जेल भी हो सकती है। नोटिस का पालन नहीं करने के लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना अलग लगगा। अगर एओ को नोटिस का पालन नहीं करने का वाजिब कारण बताकर संतुष्ट कर देते हैं तो आप पर यह जुर्माना नहीं लगेगा।
 
सेक्शन 148 के तहत नोटिस
इस सेक्शन के तहत नोटिस जारी होने की स्थिति में एओ के पास काफी पावर होती है। एओ पिछले 6 वित्तीय सालों के लिए आपका असेसमेंट खोल सकता है यानि वह आपसे पिछले 6 सालों तक की आय का स्रोत पूछ सकता है,आय से संबंधित सबूत दिखाने को कहा सकता है। इसके बाद आपको सेक्शन 156 के तहत नोटिस जारी करके ब्यादा और जुर्माने समेत देय टैक्स की राशि जमा करने को कहा जाएगा।
 
सेक्शन 153 ए के तहत असेसमेंट
आपकी अघोषित आय का पता लगाने के बाद टैक्स विभाग आपके घर,दुकानों और अन्य जगहों पर छापा मारकर आपकी अन्य संपत्तियों जैसे गोल्ड, प्रॉपर्टी पेपर्स,बेनामी ट्रांजेक्शन वगैरह की खोज कर सकता है। इस स्थिति में आपको कोई एडवांस नोटिस नहीं मिलेगा।
 
सेक्शन 143(2) के तहत नोटिस
आपको 143(2) के तहत नोटिस मिलने का मतलब है कि आयकर विभाग ने आपकी आय की जांच शुरू कर दी है। आपको अपने आईटीआर में घोषित आय का साक्ष्य देने को कहा जाएगा। वित्त वर्ष 2015 और 16 के लिए 30.09.2017 तक नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस में एओ पिछले किसी भी साल की बुक्स और अकाउंट्स मांग सकता है। इसके बाद 143(3) के तहत असेसमेंट ऑर्डर जारी किया जाएगा। साथ में अतिरिक्त टैक्स,उस पर ब्याज और जुर्माना भरने के लिए एक नोटिस जारी किया जाएगा। कुछ लोग अपनी वास्तविक आय का खुलासा नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सेक्शन 143(2) के पलावा सेक्शन 148 और 153 ए के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
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