1984 के दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाया, अब फूलका करेंगे एसजीपीसी का उद्धार, जानिए कैसे

1984 के दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाया, आम आदमी पार्टी भी छोड़ दी। अब एचएस फूलका एसजीपीसी का उद्धार करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। फूलका ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सियासीकरण खत्म करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए वह समान विचारधारा वाले लोगों का ग्रुप बनाएंगे। फूलका ने कहा कि वह न तो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, न कोई पार्टी ज्वाइन करेंगे। अपनी सारी ऊर्जा और संसाधन एसजीपीसी को मुक्त कराने में लगाएंगे।1984 के दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाया, अब फूलका करेंगे एसजीपीसी का उद्धार, जानिए कैसे

1999 में दिल्ली में एक सेमिनार के दौरान सबसे पहले यह मुद्दा उठा था कि एसजीपीसी का सियासीकरण खत्म किया जाए। उसके बाद से हालत और बिगड़ी है। 2015 में बेअदबी की घटनाएं और गुरमीत राम रहीम का माफीनामा हुआ। एसजीपीसी पर काबिज पार्टी सिर्फ वोट केलिए इस्तेमाल कर रही है। एसजीपीसी वाले यह नहीं सोचते कि गुरु को खुश कैसे करना है, यह सोचते हैं कि एमएलए कैसे बनना है। हमें ऐसे लोग चाहिए जो धर्म को राजनीति से ऊपर रखें। ऐसे लोग गांव-गांव में हैं, हम उन्हें एक प्लेटफार्म देंगे।

जो भी सियासीकरण खत्म करना चाहता है, हम उन्हें मिलाएंगे। जिन मुद्दों पर सहमति होगी, उन पर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करेंगे। इनमें मिशनरी, प्रचारक, संत समाज के लोग हो सकते हैं। हमें युवा वॉलंटियर्स की जरूरत पड़ेगी, जो तहसील स्तर पर काम कर सकें। फूलका ने कहा कि वह और उनका ग्रुप चुनाव नहीं लड़ेगा। हम लोग चुनाव आयोग, अदालत से संबंधित मामले निपटाएंगे, फील्ड में भी इन गुटों का समर्थन करेंगे। उनके पत्र के जवाब में पीएमओ ने माना है कि मौजूदा एसजीपीसी का कार्यकाल 16 दिसंबर 2016 को खत्म हो चुका है।

केंद्र के मांगने पर हाईकोर्ट ने गुरद्वारा इलेक्शन कमिश्नर केलिए पैनल भेज दिया है। जल्द ही आगे की प्रक्रिया के लिए केंद्र  सरकार से संपर्क किया जाएगा। फूलका ने कहा कि जस्टिस कुलदीप सिंह समेत बहुत से लोग उनके मिशन में साथ हैं, लगातार फोन आ रहे हैं।

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