184 में 35 दागी उम्मीदवार !

दिल्ली ब्यूरो: बीजेपी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए जिन उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसमे 35 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीजेपी ने 184 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिसमे से 19 फीसदी यानि 35 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। इन उम्मीदवारों ने 2014 में अपने उपर दर्ज मामलों की जानकारी दी थी।
जिन 35 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं उन्हें भाजपा ने इस बार फिर से टिकट दिया है। बता दें कि 78 में से 35 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि अन्य ने अभी तक नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। माना जा रहा है कि जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं उनकी संख्या आने वाले समय में बढ़ सकती है। दरअसल भाजपा ने जिन 184 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसमे से 78 उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया गया है। जिसमे 18 महिला उम्मीदवार भी हैं।
बीजेपी की पहली सूची ने पांच मुस्लिम उम्मीदवार
जानकारी के अनुसार जिन उम्मीदवारों पर सबसे अधिक मामले दर्ज हैं वह महाराष्ट्र के चंदरपुर लोकसभा सीट से हंसराज गंगाराम अहीर हैं। उनके खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं, यह तमाम मामले पिछले लोकसभा चुनाव तक उनके खिलाफ दर्ज हैं। अहीर 16वीं लोकसभा के सदस्य हैं और मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। अहीर के बार प्रताप सांरगी का नाम आता है जोकि ओडिशा के बालासोर से पार्टी के सांसद हैं। उनके खिलाफ कुल 10 मामले दर्ज हैं।
दिलचस्प बात यह है कि मोदी सरकार के कद्दावर मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी इस लिस्ट में आता है। उनके खिलाफ 2014 के नामांक पत्र के अनुसार मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन्नाव से भाजपा के सांसद साक्षी महाराज का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है, उनके खिलाफ खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2014 में असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिन 542 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी उसमे से 98 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। दिलचस्प बात ये है कि जीतने वाले 98 उम्मीदवारों के खिलाफ ये मामले दर्ज हैं।
अपराध और राजनीति ने चोली दामन का सम्बन्ध है।दोनों एक दूसरे के पूरक है। एक दूसरे के बिना किसी काम नहीं चलता। वैसे राजनीति से अपराध को दूर करने की हर कोई बात करता है, लेकिन हकीकत यह है कि तमाम कोशिशों के बाद भी राजनीति में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजहें भी है।
डिब्रूगढ़ में चलती ट्रेन में मां-बेटी से छेड़खानी, दो कर्मचारी गिरफ्तार
शोध में यह बात सामने आई है कि उन उम्मीदवारों के जीतने की संभावना दो गुनी होती है जिनके उपर आपराधिक मामले दर्ज हैं, बजाए उन उम्मीदवारों के जिनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की जीतने की संभावना 13 फीसदी है, जबकि बिना आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों की जीतने की संभावना 5 फीसदी है।जब शोध के यही परिणाम है तब भला दागी से परहेज कौन करे।

Back to top button