17 दिन में कोरोना को मात देकर 106 वर्षीय बुजुर्ग ने ऐसे जीती जिन्दगी की जंग

दुनियाभर में बुजुर्गों के लिए खौफ का पर्याय बने कोरोना वायरस के संक्रमण को दिल्ली के 106 वर्षीय बुजुर्ग मुख्तार अहमद ने केवल 17 दिन में मात दी है। बुजुर्ग की इस जीत पर सभी लोग हैरानी के साथ खुशी जता रहे हैं और इसे मिसाल मान रहे हैं। यहां बता दें कि उनसे पहले उनके बेटे को संक्रमण हुआ था जो अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।

बता दें कि दिल्ली के मुख्तार अहमद 14 अप्रैल से दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थे। उनकी जांच रिपोर्ट में जब इस बात की पुष्टि हो गई कि उनका संक्रमण खत्म हो गया है तो एक मई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

उम्रदराज होने की वजह से मुख्तार अहमद ऊंचा सुनते हैं, लेकिन उन्होंने अपने पोतों को कोरोना से लड़ने की पूरी कहानी बताई है। उनके पोते मोहम्मद आसिफ बताते हैं कि जब वह भर्ती हुए तो उनके चेहरे पर जरा सा भी डर नहीं था। उन्होंने परिवार को बताया है कि बार-बार उनके स्वास्थ्य की जांच की जाती थी। वह डॉक्टरों की बताई हर बात को मानते थे और वही करते जो उनसे करने के लिए कहा जाता। घर आने के बाद वह अलग कमरे में हैं, लेकिन वह पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और मुस्कुरा कर बात करते हैं।

आसिफ ने बताया कि सबसे पहले उनके पिता को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था। 8 अप्रैल को जांच रिपोर्ट उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके बाद से वह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं। पिता के कारण ही उनकी मां और भाई को भी संक्रमण हो गया था। हालांकि वे भी ठीक हो गए हैं। पर इसी दौरान उनके 106 वर्षीय दादाजी भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए। ज्यादा उम्र होने के कारण पूरे परिवार को चिंता होती थी। लेकिन उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते कोरोना के खिलाफ जीत हासिल की। अब उनके दादा ठीक हो गए तो परिवार के सभी सदस्य खुश हैं और पिता के ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

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