130 करोड़ से केजीएमयू में बनेगा दो विभागों का भवन, मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

केजीएमयू में जल्द मरीजों को और सहूलियतें मिलेंगी। इसके लिए यहां 130 करोड़ रुपये से स्पोर्ट्स मेडिसिन और पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग के लिए नया भवन बनेगा। इसमें दोनों विभागों की ओपीडी से लेकर मरीजों को भर्ती करने की सभी सुविधाएं होंगी। दोनों विभागों के लिए करीब 360 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है।130 करोड़ से केजीएमयू में बनेगा दो विभागों का भवन, मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

केजीएमयू के आर्थोपेडिक्स विभाग से अलग होकर दो नए विभागों को मंजूरी मिली है। जुलाई में इन्हें कार्यसमिति ने संस्तुति दे दी है। पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग का अध्यक्ष प्रो. अजय सिंह को एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग का अध्यक्ष प्रो. आशीष कुमार को बनाया गया है।

इनके लिए वैकल्पिक तौर पर शताब्दी अस्पताल के बेसमेंट में जगह दी गई है। भविष्य में दोनों विभागों के पास अपना भवन होगा। इसके लिए लिंब सेंटर के बगल में नया भवन बनाने की तैयारी है। इस जगह पर भवन बनाने संबंधी अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

वित्त समिति के पास पहुंचा प्रस्ताव
दोनों विभागों के लिए तैयार परियोजना की लागत करीब 360 करोड़ है। इसमें 130 करोड़ भवन के लिए है। इसे बनाने का प्रस्ताव शासन से मंजूरी के बाद वित्त विभाग के पास पहुंच गया है। यहां से हरी झंडी मिलते ही भवन निर्माण की कवायद शुरू कर दी जाएगी। केजीएमयू प्रशासन दोनों विभागों को अगले साल तक नए भवन में चालू करने की तैयारी में है।

ऐसे मिलेगा मरीजों को लाभ

नए भवन में ओपीडी के साथ मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्ड बनेंगे। इसके अलावा अलग-अलग ऑपरेशन थियेटर एवं मरीजों के लिए फिजिकल प्रैक्टिस सेल भी तैयार की जाएगी।

दूसरे प्रदेशों को भी फायदा
अभी तक यूपी में स्पोर्ट्स मेडिसिन की सुविधा नहीं है। यहां के खिलाड़ियों, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा सेवाओं के जवानों को इलाज के लिए नई दिल्ली, चंडीगढ़ जाना पड़ता है। ऐसे में केजीएमयू में यह सुविधा शुरू होने से यूपी के साथ आसपास के प्रदेशों को भी फायदा मिलेगा।

मंजूरी मिलते ही काम शुरू
केजीएमयू के मीडिया प्रभारी प्रो. संतोष कुमार का कहना है कि दोनों विभागों की ओपीडी चल रही है। शताब्दी में इन्हें विभाग संचालन के लिए जगह मिली है। जल्द से जल्द नया भवन बनाने की तैयारी है, ताकि विभाग के क्रियान्वयन के साथ पीजी की सीटें भी बढ़ सकें। वित्त विभाग की मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

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