13 साल में 700 लड़कियों से किया रेप, स्कूल से वापस आती लड़कियों को बनाता था शिकार

रेप मामला : दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे हैवान को गिरफ्तार किया है। जो स्कूल जाने वाली बच्चियों को बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाता था। इसके बाद उनके साथ रेप करता था। आरोपी पिछले 13 साल में 700 से ज्यादा लड़कियों से रेप कर चुका है। जानकारी के अनुसार यूपी के रूद्रपुर का रहने वाला है। यह ट्रेलर का काम करता है। आरोपी शादी शुदा है और पांच बच्चों को बाप है। ये सीरियल रेपिस्ट सिर्फ बलात्कार करने के लिए ही दिल्ली और एनसीआर में आता था।

13 साल में 700 लड़कियों से किया रेप, स्कूल से वापस आती लड़कियों को बनाता था शिकाररेप के दर्जनों मुकदमों में शामिल है आरोपी
डीसीपी ओमबीर सिंह ने बताया उस पर ऐसे दर्जनों मामलों में शामिल होने का आरोप है। इसमें से अकेले दिल्ली के न्यू अशोक नगर थाने में ही बीस दिन के भीतर तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने की घटनाएं भी शामिल हैं। मामले की जांच में जुटी पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसने किन-किन इलाकों में इस तरह से बच्चियों को अपना शिकार बनाया है।

पुलिस के मुताबिक इस के टारगेट पर 10 दिन में दस लड़कियां होती थीं, जिन्हें बहला फुसला कर ये अपनी हवस का शिकार बनाता था। स्कूल से अकेली घर लौट रही बच्चियां इसके निशाने पर होती थीं। बच्चियों को अकेला देख उन्हें कहता था कि उनके पापा ने बुलाया है और कुछ सामान भी देता था। बच्चियां इसके बहकावे में आ जाती थीं। फिर उन्हें ये बलात्कारी सुनसान जगह पर ले जाता या फिर खाली बिल्डिंग में ले जाता था, जहां ये उनके साथ बलात्कार कर फिर ट्रेन पकड़कर वापस चला जाता था।

दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके में पिछले 1 महीने में इसने कई वारदात को अंजाम दिया, शिकायत के बाद पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी को खंगाला। सीसीटीवी में ये सीरियल रेपिस्ट दिखाई दे रहे हैं। इसी सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब मामले की पड़ताल की तो पता चला कि ये कुछ साल पहले न्यू अशोक नगर के एक टेलर के यहां काम भी कर चुका है।

सुनिल रस्तोगी नाम का यह दानव इतने बलात्कार कर चुका है कि इसे याद तक नहीं है। पुलिस ने जब इससे पूछताछ की तो इसने अपने घिनौती करतूतों की कुंडली खोली, जिसने सुनकर पुलिस हैरान रह गई। ये सीरियल रेपिस्ट 2004 से अब तक 700 से ज्यादा बार बलात्कार कर चुका है। इसके निशाने पर आठ से दस साल की मासूम बच्चियां होती थीं। इसके निशाने पर गाजियाबाद और दिल्ली की मासूम बच्चियां होती थीं, जिन्हें ये अपने हवस का शिकार बनाता था और खासतौर से वो लड़कियां जो स्कूल से वापस अकेले घर लौटती थीं।

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