12 हजार फीट की ऊंचाई पर राजनाथ सिंह कल सियाचिन में लेगें सुरक्षा का जायजा
मोदी कैबिनेट में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद राजनाथ सिंह कल (सोमवार) दुुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध-क्षेत्र सियाचिन जाएंगे और सुरक्षा हालात का जायजा लेंगे. राजनाथ सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और रक्षा मंत्रालय के बाकी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. सियाचिन भारत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी सीमा पाकिस्तान से मिलती है.
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मोदी सरकार के राजनाथ सिंह थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के साथ सोमवार (3 जून) को सियाचिन पहुंचेंगे. राजनाथ सिंह वहां सुरक्षा की स्थिति का मुआयना करेंगे.
सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित एक बर्फीला क्षेत्र है. यह विश्व का सबसे बड़ा और ऊंचा युद्ध क्षेत्र है और सर्दी के दिनों में यहां पारा गिरकर माइनस 70 डिग्री तक पहुंच जाता है.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृह मंत्री का जिम्मा संभालने वाले राजनाथ सिंह को दूसरे कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय मिला है. शनिवार को पदभार ग्रहण करने के बाद से ही राजनाथ सिंह एक्शन में नजर आ रहे हैं. उन्होंने थलसेना, नौसेना एवं वायुसेना प्रमुखों के साथ बैठक में देश के समक्ष मौजूद सुरक्षा चुनौतियों पर और अपने-अपने बलों के संपूर्ण कामकाज पर अलग-अलग विवरण तैयार करने के लिए कहा है. अब पहली यात्रा के तौर पर राजनाथ सिंह ने सियाचिन को चुना है.
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यहां पहुंचकर वे जवानों और अधिकारियों से बातचीत करेंगे, साथ ही वहां तैनात सैनिकों के साथ परिस्थितियों पर भी चर्चा करेंगे. यहां स्थित बेस कैंप लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई से शुरू होते हैं जो 23,000 फीट तक मौजूद हैं. बता दें कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैनिकों के साथ दिवाली मनाने सियाचिन पहुंचे थे.