107 साल का हुआ यह दिन, जानिए फादर्स-डे के पीछे की कहानी
आधुनिकता नाम की चिड़िया ने हमारी संस्कृति में भी अपनी जगह बना ली है। आज हमारे देश में वैलेंटाइन-डे, मदर्स डे और फादर्स-डे भी उतने ही उत्साह से मनाया जाता है जिस तरीके से तीज, करवाचौथ, छठ और रक्षाबंधन मनाए जाते हैं। इन त्योहारों के पीछे तो पौराणिक कथाएं सुनाई जाती हैं लेकिन क्या आपको मदर्स-डे या फादर्स-डे की कहानी पता है? चूंकि मौका फादर्स डे यानी पिता जी के दिन का है तो आपको इसके पीछे की दिलचस्प कहानी से रूबरू कराते हैं।
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पहली बार फादर्स-डे 19 जून 1910 में मनाया गया था। पिता और बच्चों के बीच के इस खूबसूरत रिश्ते का एहसास सहसे पहले हुआ था सोनेरा डोड को। सोनेरा डोड जब बहुत छोटी थीं तो उनकी मां का साया उनके सिर से उठ गया था। उनके पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरा को मां की कमी कभी खलने नहीं दी। बड़े होकर सोनेरा को इस बात का एहसास हुआ कि उनके पिता ने कितना बलिदान दिया। न सिर्फ एक मां का रोल बखूबी अदा किया बल्कि पिता का फर्ज भी निभाया।
कई सालों में पूरा हुआ सफर
ऐसे में सोनेरा ने तय किया कि वो अपने पिता के लिए एक दिन मनाएंगी, इस तरह पहली बार 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। धीरे धीरे फादर्स-डे की गूंज पूरे अमेरिका में होने लगी। 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने पहली बार इस पर सहमति दी। इसके बाद साल 1966 को राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने का आधिकारिक ऐलान किया ।
इसके बाद 1972 में इस दिन के लिए अवकाश तय किया गया। धीरे-धीरे ये रिवाज दुनिया भर में मनाया जाने लगा। आज पूरी दुनिया में जून के तीसरे रविवार को फादर्स-डे मनाया जाता है।
इसके बाद 1972 में इस दिन के लिए अवकाश तय किया गया। धीरे-धीरे ये रिवाज दुनिया भर में मनाया जाने लगा। आज पूरी दुनिया में जून के तीसरे रविवार को फादर्स-डे मनाया जाता है।