107 साल की महिला को पद्मश्री, नंगे पैर पहुंची, सम्‍मान लेकर राष्ट्रपति को दिया आशीर्वाद

पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में राष्ट्रपति भवन में दिलचस्‍प नजारा देखने को मिला. कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने वालीं 107 साल की सालूमरदा थीमक्का ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री सम्‍मान लिया. इसके बाद उन्‍होंने कोविंद को आशीर्वाद दिया. पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने राष्ट्रपति के माथे पर हाथ फेरकर उन्हें आशीर्वाद दिया. खास बात यह है कि थिमक्का पद्म पुरस्कार लेने नंगे पैर राष्ट्रपति भवन पहुंची थीं.
थीमक्का ने बरगद के 400 बरगद समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली है. उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कड़े प्रोटोकॉल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा रखा था.
जब थीमक्का से 33 साल छोटे राष्ट्रपति ने पुरस्कार देते वक्त उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होंने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया.

राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘यह राष्ट्रपति का सौभाग्य है कि उन्हें भारत के सबसे अच्छे और काबिल लोगों को सम्मानित करने का मौका मिलता है. लेकिन आज कर्नाटक की पर्यावरणविद 107 वर्षीय सालूमरदा थिमक्का ने मुझे आशीर्वाद दिया. यह बात मेरे दिल को छू गई.’

At the Padma awards ceremony, it is the President’s privilege to honour India’s best and most deserving. But today I was deeply touched when Saalumarada Thimmakka, an environmentalist from Karnataka, and at 107 the oldest Padma awardee this year, thought it fit to bless me pic.twitter.com/Ihmv9vevJn
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 16, 2019

थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया.

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