1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी और अब तक 173978 यात्री कर चुके शिवरलिंग के दर्शन

अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है और पिछले 13 दिनों में डेढ़ लाख से भी ज्यादा भक्त भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं। रविवार को एक और जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हो चुका है। एक अधिकारी के मुताबिक इस साल 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी और अब तक 1,73,978 यात्री शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।

पुलिस के मुताबिक 7,993 यात्रियों का एक जत्था रविवार को अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से रवाना हो चुका है। इस जत्थे के 2,723 बालटाल बेसकैंप की तरफ जा रहे हैं जबकि 5,270 भक्त पहलगाम बेसकैंप की तरफ जा रहे हैं।

हिमालय की गोदी में स्थित अमरनाथ पवित्र गुफा श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर है। अमरनाथ की ख़ासियत पवित्र गुफा में बर्फ़ से नैसर्गिक शिवलिंग का बनना है। प्राकृतिक हिम से बनने के कारण ही इसे स्वयंभू ‘हिमानी शिवलिंग’ या ‘बर्फ़ानी बाबा’ भी कहा जाता है। पवित्र गुफा तक या तो भक्त 14 किलोमीटर लंबे बालटाल ट्रेक से आते हैं या फिर 45 किलोमीटर लंबी पहलगाम ट्रेक के माध्यम से पहुंचते हैं। दोनों बेस कैंप में तीर्थयात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

मुस्लिमों ने इस यात्रा में अपने हिंदू भाइयों की मदद के लिए हमेशा हाथ हाथ बंटाया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रा का सुचारू और शांतिपूर्ण आयोजन स्थानीय मुस्लिमों के समर्थन और सक्रिय जुड़ाव के कारण संभव हुआ है।

बाबा अमरनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल यात्रा के 12वें दिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु शिवलिग के दर्शन कर चुके हैं। पिछले वर्ष यह आंकड़ा यात्रा शुरू होने के बाद 16वें दिन पार किया था। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। यात्रा ने एक लाख का आंकड़ा पहले आठ दिन में पूरा कर लिया था। यात्री निवास में आए बिना सीधे पहलगाम और बालटाल जाकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब तक यात्री निवास भगवती नगर से रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 58427 पहुंच गई है। वहीं, लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने सीधे पहलगाम और बालटाल पहुंच कर यात्रा की है। अधिकतर श्रद्धालु सीधे इसलिए चले जाते हैं ताकि एक दिन का समय बच जाए।

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