1 फरवरी को आम आदमी को मिलेगी सबसे बड़ी राहत, बजट में होंगे ये ऐलान

नई दिल्ली। पिछले साल सितंबर महीने में कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी। बजट 2020 से भी भारतीय कंपनियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार प्रत्यक्ष कर यानी डायरेक्ट टैक्स में राहत देने की प्रक्रिया को जारी रखे। आइए जानते हैं कि इस बार के बजट में भारतीय कंपनियों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस दूसरे बजट से क्या उम्मीदें हैं।

मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये सालाना की कमाई पर कोई टैक्स देयता नहीं बनती है। लेकिन, इस बार के बजट में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार जीरो टैक्स देयता की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देगी। साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है। मांग की जा रही है कि सरकार 5 लाख से 10 लाख रुपये के स्लैब में 10 फीसदी और 10 से 20 लाख रुपये के स्लैब में 20 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव लेकर आए। इनकम टैक्स स्लैब में कटौती से मांग बढ़ने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार से एक बार फिर उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा 22 फीसदी की टैक्स कटौती को और कम कर 15 फीसदी कर दिया जाए। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह 15 फीसदी है। इससे निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को लेकर कंपनियों की मांग है कि केंद्र सरकार इसे पूरी तरह से खत्म कर दें। अगर ऐसा नहीं करती है तो सरकार इसे मौजूदा 20.56 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दे।

मोदी सरकार की लगातार दूसरी पारी के दूसरे बजट से इंडिया इंक यह भी मांग कर रहा है कि इक्विटी कैपिटल पर लगने वाले LTCG को लेकर पूरी तरह से छूट दे। बता दें कि वर्तमान में LTCG 10 फीसदी है। वहीं, अन्य एसेट क्लास पर इसे घटाकर 10 फीसदी कर दे। होल्डिंग अवधि को भी कम कर 12 महीने तक ही रखने की मांग की जा रही है।

इस बार के बजट से इंडिया इंक उम्मीद कर रही है कि सरकार कस्टम ड्यूटी के मोर्चे पर सभी विसंगतियों को खत्म कर दे। अधिकतम कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से अधिक नहीं हो। साथ ही, इनपुट पर ड्यूटी कम करने की भी उम्मीद की जा रही है। इसकी भरपाई के लिए सरकार फिनिश्ड प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ा सकती है।

Back to top button