हुड्डा के बागी तेवर के बावजूद कांग्रेस आलाकमान उनको हरियाणा में पार्टी की कमान नहीं है सौंपने के मूड में

 पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का असर हरियाणा कांग्रेस पर भी पड़ा। यदि यह प्रकरण नहीं होता तो कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में पार्टी नेतृत्‍व पर फैसला कर चुका होता। पूरे मामले में यह माना जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्‍व परिवर्तन होगा। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बागी तेवर व लाख प्रयासों के बावजूद उनको प्रदेश इकाई की बागडोर मिलने की संभावना नहीं है। आलाकमान किसी सर्वमान्य नेता को कमान सौंपने का मन बना चुका है।

बताया जाता है कि हुड्डा की रोहतक रैली के बाद कांग्रेस आलाकमान हरियाणा को लेकर अहम कदम उठाने का मन बना चुका था। इसी बीच पूर्व केंद्रीय पी चिदंबरम का प्रकरण गरम हो गया और उनकी गिरफ्तारी हो गई। माना जा रहा है कि यह प्रकरण नहीं होता तो हरियाणा कांग्रेस पर अहम फैसला हो जाता। 18 अगस्त को हुड्डा ने रोहतक में जो परिवर्तन महारैली की थी, उसमें उनके नरम तेवर भी इसी आश्वासन के बाद हुए थे कि उन्हें हाईकमान की तरफ से पार्टी की दूसरी पंक्ति के वरिष्ठ नेताओं ने आश्‍वस्त कर दिया था।

पार्टी सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी के कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद हुड्डा की पार्टी में पैरोकारी बढ़ गई है। सोनिया सहित प्रियंका वाड्रा और दूसरी पंक्ति के लगभग सभी बड़े नेता हुड्डा के प्रति सहानुभूति रखते हैं। दूसरी ओर, हुड्डा विरोधी नेताओं का तर्क है कि यदि हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई तो गैर जाट कांग्रेस से पूरी तरह दूर हो सकते हैं। इस तर्क का तोड़ भी अब हुड्डा समर्थकों ने निकाल लिया है।

बताया जा रहा है कि यदि हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष नहीं बनाया जाता है तो उनको राज्य चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष या फिर कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। इसके बाद हुड्डा टिकट बंटवारे के दौरान कांग्रेस संसदीय बोर्ड में बैठ सकेंगे और अपने समर्थकों को टिकट दिलवा पाएंगे।

सूत्र तो यह भी बताते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में जब हुड्डा के पास नई पार्टी बनाने का विकल्प लगभग नहीं बचा है तो वह पार्टी नेताओं की इस बात को भी मानने के लिए तैयार हैं। हुड्डा गुट की तरफ से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के नाम पर भी सहमति जता दी गई है। वे किसी भी कीमत पर मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर को हटाना चाहते हैं।

तंवर ने खोल दिया है हुड्डा के खिलाफ मोर्चा

पहले कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का समर्थन और फिर 18 अगस्त को रोहतक की परिवर्तन महारैली में कांग्रेस पहले जैसी पार्टी नहीं रही, कहकर पूर्व सीएम हुड्डा ने प्रदेशाध्यक्ष तंवर को राजनीतिक निशाना साधने का मौका दे दिया है। तंवर खुलेआम रोहतक रैली को अनुशासनहीनता के दायरे में बता रहे हैं। तंवर का कहना है कि वे इस रैली में पार्टी के लिए बोली गई भाषा से लेकर उनकी पगड़ी पर की गई टिप्पणी को भी पार्टी के शीर्ष नेताओं के समक्ष रखेंगे।

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