हुआ सबसे बड़ा ऐलान, 2020 से अब नहीं होंगी ये दो सरकारी छुट्टियां

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने छुट्टियों में बदलाव किया है। साल 2020 से इस केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर के दूसरे प्रधानमंत्री रहे शेख अब्दुल्ला की जयंती के मौके पर छुट्टी नहीं होगी। शेख अब्दुल्ला की जयंती 5 दिसंबर को मनाई जाती है।

बता दें कि शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला के पिता और उमर अब्दुल्ला के दादा थे। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शहीद दिवस के मौके पर दी जाने वाली छुट्टी को भी खत्म कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में शहीद दिवस 13 जुलाई को मनाया जाता है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नये साल के लिए छुट्टियों की नई लिस्ट जारी की है। शुक्रवार की रात को सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव जी एल शर्मा ने छुट्टियों की नई लिस्ट जारी की है। इसके मुताबिक 2020 में 27 सार्वजनिक छुट्टियां घोषित की गई है। पिछले साल छुट्टियों की संख्या 28 थी।

नये आदेश के मुताबिक, अब 13 जुलाई और 5 दिसंबर को इस प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश नहीं हुआ करेगा। 13 जुलाई को जम्मू कश्मीर में शहीद दिवस मनाया जाता है।

जम्मू-कश्मीर में हर साल 13 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है। 13 जुलाई 1931 को जम्मू-कश्मीर के डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां जलाई थी। इस फायरिंग में कई लोगों की मौत हुई थी, उन्हीं की याद में हर साल जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है। लेकिन नये लीव कैंलेंडर में इस अवकाश को खत्म कर दिया गया है।

शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर कहा जाता है। वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने ही ऑल जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस की स्थापना की थी जो बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस में तब्दील हो गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला राज्य के सीएम भी बने।

नई व्यवस्था के मुताबिक अब विलय दिवस पर छुट्टी मिलेगी। बता दें कि 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया था। इस विलयपत्र को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटेन ने स्वीकार किया था और एक दिन बाद उस पर दस्तखत किया था।

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