हादसे में क्षतिग्रस्त चार कोच के बोगी फ्रेम निकालकर जांच के लिए न्यू वाशिंग लाइन लाए गए……

रूमा रेलवे स्टेशन के पास ढाई माह पहले पूर्वा एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना का राज अब बोगी फ्रेम खोलेंगे। रेल हादसे को लेकर सीआरएस की जांच में बोगी फ्रेम निकालने का काम शुरू किया गया है। मंगलवार को हादसे में क्षतिग्रस्त कोच के बोगी फ्रेम निकालकर न्यू वाशिंग लाइन लाये गए हैं। इनकी जांच के लिए सीआरएस की टीम पहुंचेगी।

बीती 19 अप्रैल की आधी रात रूमा रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर पूर्वा एक्सप्रेस के बारह कोच डिरेल हो गए थे। इनमें दस कोच डिरेल होकर पलट गए थे, जबकि दो कोच के पहिए पटरी से उतरे थे। हादसे के कारणों की पड़ताल करने के लिए 23 से 25 अप्रैल के बीच सीआरएस एसके जैन कानपुर में रुके थे। तब माना गया था कि चकरेल टूटने की वजह से ट्रेन डिरेल हुई थी। लेकिन, अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि चकरेल से ट्रेन टकराई या किसी कोच का कोई पार्ट चकरेल से टकराया था।

जांच में अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। पिछले दिनों जांच टीम द्वारा घटनास्थल पर नई रेलवे लाइन बिछाए जाने का फैसला लिया था। योजना के मुताबिक नई रेल लाइन बिछाए जाने के बाद पलटे कोचों को उनपर दोबारा खड़ा करके देखना था कि क्या किसी कोच में कोई खामी थी। मगर रेलवे बोर्ड ने बेहद मंहगे विकल्प को मंजूरी नहीं दी।

फिलहाल अभी तक यही माना जा रहा है कि ट्रेन पलटने के पीछे पेंट्रीकार, एस-1, बी-1 या बी-2 में कोई एक कोच वजह है। अब इन कोचों के बोगी फ्रेम से हादसे के कारणों का राज फाश किया जाएगा। मंगलवार से बोगी फ्रेम निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। रेलवे अधिकारी के मुताबिक ये कोच न्यू वाशिंग लाइन लाया जाएंगे और वहीं पर उनकी जांच होगी। इनकी जांच करने सीआरएस की टीम आ सकती है।

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