हाई कोर्ट ने खनन पट्टों को निरस्त करने वाला जीओ को किया …

हाइकोर्ट ने पिछली सरकार में चार जिलों में जारी खनन पट्टों को निरस्त करने संबंधी शासनादेश को ही निरस्त कर दिया। इसके साथ ही इस शासनादेश को पूरे राज्य में प्रभावी बनाने संबंधी शासनादेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट ने खनन पट्टों को निरस्त करने वाला जीओ
 
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार एमएस इंटरप्राइजेज की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि सरकार की ओर से एक मई को शासनादेश जारी कर खनन, भंडारण के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। नौ मई को शासन ने समस्त पट्टों को स्थगित कर दिया।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार का फैसला असंवैधानिक और राजनीति से प्रेरित है। बिना सुनवाई का मौका दिए पट्टे निरस्त किए गए। याचिका में कहा गया कि पहली मई को शासन ने शासनादेश जारी कर राज्य के हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में खनन भंडारण के लाइसेंस को निरस्त करते हुए शासनादेश जारी किया था।

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सरकार ने आचार संहिता से 15 दिन पहले जारी 44 खनन लाइसेंसों को निरस्त कर दिया था। पक्षों की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने एक मई को जारी शासनादेश निरस्त कर दिया।

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