हाईकोर्ट ने मायावती से 3 महीने में मांगी ‘ट्रैक्टर घोटाले’ की रिपोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव कृषि विभाग बसपा सुप्रीमो मायावती के शासन काल में हुए ट्रैक्टर घोटाले मामले की जांच सिर्फ 3 महीने में पूरी कर सौंपे। जस्टिस एपी शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली ने कहा है कि घोटाले की जांच के लिए जिस अफसर से सूचना वांछनीय हो उससे प्राप्त की जाए।tractor_scam

लखनऊ बेंच ने यह आदेश याची नीलेश सारस्वत की ओर से दायर पीआईएल पर पारित किया। याची के वकील नीरज पांडे के अनुसार, याचिका में वर्ष 2010-2011 में आई दलहन-तिलहन योजना के तहत 540 ट्रक्टरों के खरीद और वितरण के मुद्दे को उठाया गया था। याचिका में कहा गया कि सूखा प्रभावित इलाकों खास तौर पर बुंदेलखंड के किसानों के लिए यह योजना लाई गई थी, जिसके तहत किसानों को 540 ट्रैक्टर वितरित किए जाने थे। यह योजना 26 करोड़ रुपए से अधिक की थी। योजना के कार्यान्वयन का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य एग्रो इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का था।

याची के अधिवक्ता के अनुसार, कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने दो ट्रैक्टर कम्पनियों से साठगांठ करके एमओयू साइन होने से पहले ही ट्रैक्टर खरीद लिए। यही नहीं कई किसानों को कंपनी के पास कबाड़ में पड़े ट्रैक्टर ही बांट दिए गए। कई ऐसे ट्रैक्टर बांटे गए जो पहले दिन ही नहीं चल सके।

कॉर्पोरेशन के वकील प्रकाश सिंह ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच डिविजनल इंजीनियर (हेडक्वार्टर) द्वारा की गई और जांच रिपेार्ट 25 अगस्त 2015 को सरकार केा भेज दी गई। याचिका पर जवाब देते हुए राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने चार बिंदुओ पर जानकारी मांगी है, जिसका जवाब अभी तक अधिकारियों से प्राप्त नहीं हो सका है। इस संबंध में थोड़ा और वक्त लग सकता है। इस पर केार्ट ने प्रमुख सचिव, कृषि विाग को तीन माह में जांच पूरी करने के आदेश दिए।

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