हरियाणा विधानसभा में होनेवाला है बड़ा सियासी धमाका, विपक्ष के दाे दिग्‍गजों के भगवा में रंगने की चर्चाएं

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले भाजपा बड़ा सियासी धमाका करने जा रही हे। विपक्ष के दो कद्दावर नेताओं को भगवा रंग भाने लगा है और वे जल्‍द ही इसमें रंग सकते हैं। राज्य के विपक्षी दल इनेलो के विधायकों का लगातार भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। इन सबके बीच अब पूर्व सीएम ओर इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के दाहिने हाथ माने जाने वाले डॉ. अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा के भाजपा में शामिल होने के संकेत हैं। इनेलो के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा पार्टी की जान समझे जाते हैं।

अशोक अरोड़ा व रामपाल माजरा को केसरिया रंग में रगंने की तैयारी

इनेलो के पास अब 19 में से छह विधायक ही बचे हैं। दो विधायकों जसविंद्र सिंह संधू व डा. हरिचंद मिढा का देहावसान हो चुका है और चार विधायक जननायक जनता पार्टी के साथ खड़े हैं। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा स्पीकर रह चुके अशोक अरोड़ा हरियाणा में पंजाबी समाज का बड़ा चेहरा हैं। रामपाल माजरा की जाटों में मजबूत पकड़ मानी जाती है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के विश्वासपात्र तथा अभय सिंह चौटाला के सुख-दुख के साथी माने जाते हैं।

दोनों के मंगलवार की रात को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात किए जाने की चर्चाएं हैं। हालांकि अशोक अरोड़ा ने ऐसी कोई भी मुलाकात होने से इन्‍कार किया है। दूसरी ओर, सीआइडी के सूत्रों का कहना है कि चंडीगढ़ में सीएम निवास पर मंगलवार रात को सवा दस बजे से दस बजकर 45 मिनट तक अरोड़ा और माजरा मुख्यमंत्री के साथ रहे।

 

रामपाल माजरा और डॉ. अशोक अरोड़ा।

मानसून सत्र से पहले होगा बड़ा उलटफेर, सीएम मनोहर से इनेलो नेताओं के मुलाकात की अटकलें तेज

बताते हैं कि अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा इनेलो में विघटन तथा चौटाला परिवार में पड़ी आपसी फूट से काफी आहत हैं। पिछले दिनों जब चौटाला एक माह की पैरोल पर बाहर आए थे, तब अशोक अरोड़ा व रामपाल माजरा ने अपने-अपने ढंग से कोशिश की थी कि इनेलो व जेजेपी में एकजुटता हो जाए। इसके लिए अरोड़ा ने बाकायदा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से बातचीत की, लेकिन बात नहीं बन पाई। ऐसे ही प्रयास रामपाल माजरा ने किए और इसके पीछे दलील दी कि यदि चौटाला परिवार के लोग एकजुट नहीं होते तो उनका सत्ता में लौटना नामुमकिन हैं और कार्यकर्ता पूरी तरह से निराश हो जाएंगे।

 

अभय चौटाला के साथ डॉ. अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा।

बताया जाता है कि अशोक अरोड़ा थानेसर विधानसभा सीट से टिकट के इच्छुक हैं, लेकिन भाजपा वहां से मौजूदा विधायक सुभाष सुधा का टिकट काटने के हक में नहीं है। अरोड़ा के लिए पिहोवा और यमुनानगर के विकल्प सुझाए गए हैं। पिहोवा से इनेलो विधायक दल के नेता रह चुके सरदार जसविंद्र सिंह का देहावसान हो चुका है। यहां हालांकि भाजपा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती को टिकट देना चाहती है, लेकिन चूंकि अरोड़ा बड़ा चेहरा हैं तो उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। अरोड़ा के लिए यमुनानगर का विकल्प भी खुला है।

इसी तरह रामपाल माजरा इनेलो का बड़ा जाट चेहरा हैं। वह कैथल जिले के कलायत से विधायक रह चुके हैं। फिलहाल यहां भाजपा के पास इस क्षेत्र में कोई मजबूत जाट चेहरा भी नहीं है। यहां से आजाद विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी चुनाव जीते हैं, जो कि अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के संपर्क में हैं। लिहाजा भाजपा माजरा को कलायत से टिकट देने पर गंभीरता से विचार कर सकती है। अरोड़ा व माजरा की उम्मीद यदि पूरी हुई तो विधानसभा के मानसून सत्र से पहले दोनों नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

‘हमने इस बार सभी के कांटे निकाल दिए’

”हरियाणा विधानसभा का इस बार का मानसून सत्र कुछ अलग ही तरह का होगा। जो लोग विपक्ष की बेंच पर बैठे नजर आते थे, उनमें से कई अब हमारी बेंचों पर दिखाई देंगे। कुछ लोग आ चुके हैं और कुछ जल्द आ सकते हैं। हमने इस बार चुनाव से पहले सभी के कांटे निकाल दिए हैं। जो एक आध कांटा बचा होगा, वह भी जल्द निकल जाएगा।

‘सीएम से नहीं मिला, जब मिलूंगा बताकर मिलूंगा’

” मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मेरी और रामपाल माजरा की मुलाकात की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें कोई दम नहीं है। सोशल मीडिया एक खतरनाक हथियार है। इस पर फैली अफवाहों से सावधान रहने की जरूरत है। मैं दो दिन से कुरुक्षेत्र में ही हूं। मेरी मुख्यमंत्री से कोई मुलाकात नहीं हुई है। मुझे किसी से चोरी छिपे मिलने की जरूरत नहीं है। जब किसी से मिलूंगा तो सभी को बताकर मिलूंगा।

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