हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव को लेकर सियासत हुई तेज

चंडीगढ़। हरियाणा में करीब 21 साल बाद होने वाले छात्र संघ के चुनाव को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर इसी शैक्षणिक सत्र के कुछ विश्वविद्यालयों व कालेजों में आनलाइन चुनाव कराने का खाका तैयार कर रही, जबकि इनेलो के छात्र संगठन इनसो ने ऑनलाइन चुनाव प्रणाली के विरोध की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव को लेकर सियासत हुई तेज21 साल बाद सरकार ऑनलाइन चुनाव का प्रयोग करने की तैयारी में

हरियाणा में 1200 सरकारी, अर्ध सरकारी व निजी कॉलेज और लगभग 12 विश्वविद्यालय हैैं। प्रदेश सरकार को यदि ऑनलाइन चुनाव के नतीजे अच्छे लगे तो इस प्रक्रिया को अगले शिक्षा सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में लागू किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने चार सदस्यीय कमेटी और उच्चतर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ज्योति अरोड़ा से ऐसे कैंपस सुझाने को कहा है, जहां पायलट आधार पर चुनाव कराए जा सकते हैैं।

माना जा रहा कि पायलट आधार पर आनलाइन चुनाव कराने के लिए इसी माह फैसला ले लिया जाएगा और इस शिक्षा सत्र के अगले सेमेस्टर में ही यह प्रयोग कर लिया जाएगा। इनसो अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने आनलाइन चुनाव प्रक्रिया का खुला विरोध किया है। उनका विरोध जारी रहा तो सरकार फिर से नई कार्ययोजना तैयार करने को अगले दस दिनों में बैठक बुला सकती है। चौटाला ने कहा कि आनलाइन चुनाव धोखा है और भाजपा द्वारा अपने चुनावी वादे से मुकरने का बहाना है।

दिग्विजय चौटाला के अनुसार भाजपा ने चुनाव से पहले बैलेट पेपर पर आधारित कैंपस में खुले छात्र संघ के चुनाव कराने का वादा किया था। उसका यह वादा भी दूसरे वादों की तरह झूठा साबित हुआ है। चुनाव के मुद्दे पर इनसो को कांग्र्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ का भी समर्थन मिल रहा है।

एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बूरा का कहना है कि आनलाइन चुनाव प्रक्रिया कतई उचित नहीं है, जबकि भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चुप्पी साधते हुए सरकार के फैसले के प्रति समर्थन जाहिर किया है।

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