हरियाणा में चार डिग्री पर पहुंचा तापमान, लगातार तापमान गिरने से बढ़ी ठिठुरन

करनाल। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण हरियाणा में तापमान में लगातार गिरावट आ रही है और शीतलहर चल रही है। राज्‍य में तापमान चार डिग्री से नीचे चला गया है। इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक दिक्‍कत सुबह स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों को हो रही है। दूसरी ओर, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी।

हरियाणा में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। मौसम विभाग का कहना है कि न्यूनतम तापमान में अभी और गिरावट आएगी। अधिकतम तापमान 18.0 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। हवा 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। सुबह नमी की मात्रा 100 फीसद रही। करनाल स्थित केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आगामी 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। शीतलहर चलेगी।

पानीपत में ठंड से बुजुर्ग की मौत, शिनाख्त नहीं

पानीपत के किला क्षेत्र में ठंड कारण लगभग 65 वर्षीय एक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। किला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवाया। उसकी शिनाख्त नहीं हुई है। पुलिस परिजनों की तलाश में जुट गई है।

नारनौल में ठंड ने छुड़ाई कंपकंपी

ठंड का सितम कम नहीं हो रहा है। तापमान में गिरावट के साथ गलन लगातार सितम ढा रही है। बर्फीली हवा ने महेंद्रगढ़ जिले में डेरा जमा लिया है। इंसानों के अलावा पशु-पक्षी तक हाड़कंपाती ठंड से बेहाल दिखाई दे रहे हैं। धूप नर्म पड़ गई है। लिहाजा, दिन में भी कंपकंपी छूट रही है। सोमवार को 4.2 डिग्री न्यूनतम तापमान ने सीजन का सबसे ठंडा दिन बना दिया। मौसम विशेषज्ञ अभी सर्दी और बढऩे की संभावना जता रहे हैं।

ठंड गेहूं की फसल के लिए वरदान

कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसपी तोमर का कहना है कि दिसंबर में ठंड का स्तर बढऩा गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है। ठंड में गेहूं का पौधा बढ़ता है। जितनी अधिक ठंड होगी फसल के लिए उतना ही अच्छा होगा। डॉ. तोमर का कहना है कि गेहूं के पौधे के लिए 4.0 से 6.0 डिग्री सेल्सियस तापमान डेढ़ माह तक बना रहना चाहिए। 15 फरवरी तक तापमान में अगर ज्यादा बदलाव नहीं आता है तो बंपर पैदावार होगी। इससे फुटाव भी अच्छा होगा।

उन्‍होंने बताया कि दाना बनने की प्रक्रिया जनवरी में शुरू हो जाती है। यह प्रक्रिया जनवरी अंतिम, फरवरी और मार्च तक चलती है। अचानक तापमान बढऩे से गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्ष 2009 और 10 में तापमान फरवरी माह में ही बढ़ गया था। इससे उत्पादन कम हुआ।

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