हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा काे लेकर गहरा गया सस्‍पेंस

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा काे लेकर सस्‍पेंस गहरा गया है। रोहतक रैली के बाद खामोश रहे हुड्डा ने नया कदम उठाया है। उन्‍हाेंने रोहतक की  रैली में की गई घोषणा के अनुरूप कमेटी का गठन कर दिया है। यह 38 सदस्यीय कमेटी हुड्डा और उनके समर्थकाें की आगे की राजनीतिक राह के बारे में फैसला करेगी। हुड्डा का कहना है कि कमेटी जो फैसला वह उसका पालन करेंगे। हुड्डा के इस कदम के बाद सवाल उठ गया है कि हुड्डा अलग राह चलेंगे या कांग्रेस में रहेंगे।

चर्चा है कि कमेटी की घोषणा से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के संग कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात की। इस मुलाकात में क्‍या बात हुई इसका खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन, इसके बाद शाम को हुड्डा की ओर से 38 सदस्‍यीय कमेटी के गठन की घोषणा कर दी गई। इससे हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस को लेकर सस्‍पेंस गहरा गया है

हुड्डा की ओर से इस कमेटी का ऐलान शुक्रवार देर शाम की गई। कमेटी के चेयरमैन पूर्व मंत्री हर मोहिंदर सिंह चट्ठा होंगे व संयोजक विधायक उदय भान को बनाया गया है। कहा गया है कि कमेटी के सदस्य महारैली में लिए गए संकल्प के मुताबिक प्रदेश से भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरी ताकत से तुरंत काम पर जुटेंगे, हरियाणा में लोगों की ऐसी अपनी सरकार बने जो सभी वर्गों के हित में काम करे व प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिखे I

बता दें कि रोहतक की महा परिवर्तन रैली में घोषणा की थी आगे की राजनीतिक की दिया तय करने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी तय करेगी कि हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान नहीं सौंपी जाती है तो आगे कांग्रेस में रहना है या अलग पार्टी या मंच बनाकर राजनीति करनी है। इस कमेटी की घोषणा बृहस्‍पतिवार को किए जाने की चर्चा थी, लेकिन हुड्डा के पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत में पेशी के कारण उनके समर्थक नेताओं की बैठक नहीं हाे पाने के कारण घोषित नही किया जा सका था।

बताया जाता है कि शुक्रवार को नई दिल्‍ली में बैठक के बाद इस कमेटी की घोषणा की गई। अब आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति में बड़े घटनाक्रम की संभावना है। कमेटी आगामी समीकरणों पर विचार कर जल्‍द ही अपनी रिपोर्ट देगी और इसके बाद हुड्डा अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा करेंगे।

कमेटी इस प्रकार हैं-

1. एचएस चट्ठा – पूर्व मंत्री – चेयरमैन
2. उदयभान – विधायक – संयोजक
3. धर्मपाल मालिक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष – सदस्य
4. फूल चंद मुलाना, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष – सदस्य
5. रघुवीर सिंह कादयान – विधायक एवं पूर्व स्पीकर – सदस्य
6. कुलदीप शर्मा – विधायक एवं पूर्व स्पीकर – सदस्य
7. करण सिंह दलाल – विधायक
8. श्रीकृष्ण हुड्डा – विधायक – सदस्य
9. आनंद सिंह दांगी – विधायक – सदस्य
10. जगबीर मालिक – विधायक – सदस्य
11. गीता भुक्कल – विधायक – सदस्य
12. जयवीर वाल्मीकि – विधायक – सदस्य
13. शकुंतला खटक – विधायक – सदस्य
14. ललित नागर – विधायक – सदस्य
15. जय तीरथ दहिया – पूर्व विधायक – सदस्य
16. राव धर्मपाल सिंह पूर्व विधायक – सदस्य
17. प्रो. संपत सिंह – पूर्व मंत्री – सदस्य
18. शादी लाल बत्रा – पूर्व राज्यसभा सदस्य – सदस्य
19. निर्मल सिंह – पूर्व मंत्री – सदस्य
20. दिल्लू राम बाजीगर – पूर्व सीपीएस – सदस्य
21. राव दान सिंह – पूर्व सीपीएस – सदस्य
22. राव नरेंद्र सिंह – पूर्व मंत्री – सदस्य
23. कैलाशो सैनी – पूर्व सांसद – सदस्य
24. रंजीत सिंह – पूर्व सांसद – सदस्य
25. सतपाल सांगवान – पूर्व मंत्री – सदस्य
26. सुभाष चौधरी – पूर्व मंत्री – सदस्य
27. आफताब अहमद – पूर्व मंत्री – सदस्य
28. राम निवास घोडेला – पूर्व सीपीएस – सदस्य
29. धर्म सिंह छोक्कर – पूर्व विधायक – सदस्य
30. शारदा राठौर – पूर्व सीपीएस – सदस्य
31. पंडित जिले राम शर्मा – पूर्व सीपीएस – सदस्य
32. अनिल ठक्कर – पूर्व सीपीएस – सदस्य
33. डा. केवी सिंह – पूर्व ओएसडी – सदस्य
34. वीरेंद्र सिंह मराठा – कांग्रेस नेता – सदस्य
35. अनिल शोरेवाला – कांग्रेस नेता – सदस्य
36. प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा – पूर्व विधायक – सदस्य
37. देवराज दीवान – पूर्व विधायक – सदस्य
38. बिशन लाल सैनी – पूर्व विधायक – सदस्य

अब पूरे घटनाक्रम में बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि हुड्डा ने यह कदम कांग्रेस से रिस्‍पांस नहीं मिलने के कारण उठाया है या पार्टी नेतृत्‍व द्वारा कोई आश्‍वासन मिलने के बाद महज फौरी तौर पर रोहतक रैली की घोषणा की वजह से उठाया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हुड्डा के लिए सबसे बड़ी परेशानी तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस नेतृत्‍व द्वारा उनको अधिक तव्‍वजो नहीं दिया जाना है।

हुड्डा ने कहा था- कमेटी कहेगी तो राजनीति छोड़ दो उसे भी मानूंगा

बता दें कि पिछले दिनों हुड्डा ने कहा कि उनकी आगे की सियासत के बारे में गठित की जानेवाली कमेटी करेगी। हुड्डा ने कहा था , यह कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी और उसके हिसाब से मेरा अगला कदम होगा। अगर कमेटी कहेगी कि राजनीति ही छोड़ दो, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। इससे पहले हुड्डा ने 18 अगस्‍त को रोहतक में आयोजित महा परिवर्तन रैली में कहा था कि आगे सियासी कदम उठाने के बारे में फैसला करने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी।

रोहतक रैली में कहा था- पहले वाली कांग्रेस नहीं रही और राह भटक गई है

राेहतक रैली में हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पहले वाली नहीं रही और अब भटक गई है। वह बोले, मैं सारे बंधनों से मुक्‍त होकर अपनी बात कहने आया हूं। हरियाणा में कांग्रेस से अलग होने का साफ संकेे‍त देते हुए वह यह भी बाेले कि अब खुद को अतीत से मुक्‍त करता हूं। इसी तरह उन्‍होंने जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख को गलत बताकर उन्‍हें पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्‍होंने जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस राह भटक गई है। अब ऐसे में हालात को संभालना कांग्रेस नेतृत्‍व के लिए कतई आसान नहीं होगा।

सोनिया गांधी से बातचीत के बाद रातों-रात बदली भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रणनीति

बताया जाता है कि हुड्डा द्वारा रोहतक की महापरिवर्तन रैली में अलग पार्टी या मंच की घोषणा की काफी संभावना थी, लेकिन उससे प‍हले सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के बाद उन्‍होंने अपनी रणनीति बदल दी थी। इसी बातचीत के कारण उन्होंने न तो नई पार्टी का ऐलान किया और न ही कांग्रेस को छोड़ा या कोई मंच बनाया। अब उन्‍होंने 35 सदस्‍यीय कमेटी का गठन कर अपने सारे विकल्‍प खुले होने का संकेत देने की कोशिश की है। ऐसे में हरियाणा की राजनीति में बड़े धमाके की उम्मीद कर रहे हुड्डा समर्थकों को अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।

हुड्डा ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हाटने का विेरोध करने पर कांग्रेस को घेरा था

हुड्डा ने रोहतक रैली में जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने का विरोध करने पर कांग्रेस को घेरा था। उन्‍होंने कहा था कि इस मुद्दे पर कांग्रेस कुछ भटक गई। देशभक्ति और स्वाभिमान का मैं किसी से समझौता नहीं करूंगा, इसीलिए मैंने 370 हटाने का समर्थन किया।

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