स्‍ववित्‍तपोषित विद्यालय महासभा ने डॉ राय के प्रयासों को सराहा

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-ऑनलाइन बैठक में मौजूदा स्थिति पर किया गया विचार-विमर्श

लखनऊ। स्ववित्तपोषित विद्यालय महासभा की ऑनलाइन हुई बैठक में लखनऊ शिक्षक निर्वाचन खंड से अपने समर्थित प्रत्याशी डॉ महेंद्र नाथ राय द्वारा वित्तविहीन एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों की पीड़ा को मार्मिक तरीके से मुख्यमंत्री एवं सरकार के सामने रखने के लिए पूरे संगठन ने डॉ राय का आभार व्‍यक्‍त करने के साथ उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

ज्ञात हो डॉ महेंन्‍द्र नाथ राय ने वित्‍तविहीन शिक्षकों को सरकार से आर्थिक मदद की मांग करते हुए इन विद्यालयों के प्रबंधन की पीड़ा को भी उजागर किया गया था। डॉ राय का कहना था कि चूंकि सरकार के आदेशों के तहत फीस नहीं जमा करायी जा रही है, जिससे आमदनी न होने से विद्यालयों के सामने अभी अपने शिक्षकों को वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है, इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार पांच-पांच हजार प्रत्‍येक शिक्षक के खाते में जमा करवा दे, और अगर ऐसा नहीं कर सकती है तो इन शिक्षकों के वेतन के लिए पृथक राहत कोष गठित कर दे ताकि दूसरे शिक्षकगण व अन्‍य लोग इस फंड में पैसे जमा सकें जिससे वित्‍तविहीन शिक्षकों की जरूरतें पूरी हो सकें।

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डॉ राय का यह बयान मीडिया में आने के बाद स्ववित्तपोषित विद्यालय महासभा की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गयी जिसमें डॉ राय के इस बयान की प्रशंसा करते हुए उन्‍हें धन्‍यवाद ज्ञापित किया गया।  

अध्‍यक्ष भवानी दत्‍त भट्ट की अध्‍यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में इस बात पर सहमति जतायी गयी कि अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुपालन एवं उपरोक्त अधिनियम में कतिपय त्रुटियों के सुधार के लिए आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की जाती है। सदस्‍यों व पदाधिकारियों का यह भी कहना था कि वास्तव में शिक्षा के उन्नयन एवं उसके मूल उद्देश्य की प्राप्ति के लिए डॉ राय जैसे जुझारू व्यक्तित्व की ही आवश्‍यकता है। बैठक में कहा गया कि हम सभी लोग डॉ राय के उज्‍ज्‍वल भविष्य की कामना करते हैं।

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