दोहरे हत्याकांड में सियासत के कई चेहरों से पूछताछ हो सकती है। एसआईटी दोनों मृतक मां-बेटी के मोबाइल फोन का पूरा डाटा निकालकर हत्यारों तक पहुंचने में जुटी है। उनके मोबाइल में फीड हर नंबरों पर पुलिस नजर रख रही है।
महिला के फोन से सबसे लंबी बातचीत करने वालों में एक नंबर मौजूदा पार्षद का भी है। पार्षद को बुधवार को पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाता रहा, लेकिन वह हर बार यही कहते रहे कि मैं मंत्री के साथ हूं, अभी बिजी हूं।
हालांकि पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव ने दावा किया है कि हत्यारे जल्द गिरफ्त में होंगे। वहीं दोहरे हत्याकांड में मौजूदा पार्षद की कड़ी जुड़ने के बाद मामला सियासत की भेंट चढ़ सकता है। मृतका के भाई का कहना है कि पुलिस कुछ बता नहीं रही। मृतका के बेटे को कनाडा भेजने के पीछे कहीं साजिश तो नहीं, पुलिस इसके सबूत भी ढूंढ रही है।
वहीं बेटे को कनाडा सरकार ने भारत आने की इजाजत नहीं दी है। उसके मामा ने बताया कि कनाडा स्थित भारतीय दूतावास अधिकारी ने इजाजत नहीं दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें यह कोई साजिश लग रही है।
सरपंच और पार्षद का नाम आने से हो रही सियासत
दोहरे हत्याकांड में सरपंच और पार्षद का नाम आने से सियासत भी होने लगी है। सियासी दल को इस मामले में बोलने का मौका मिल गया है। चूंकि पार्षद और सरपंच की पहुंच मंत्रियों के घरों में सीधे है, ऐसे में यह मामला हाई प्रोफाइल हो गया है। मर्डर के बाद मिले मोबाइल फोन की कॉल डिटेल पुलिस खंगालने में जुटी है। कई सबूत पुलिस को मिले हैं, जिनमें बातचीत रिकार्डिंग तक है।
पहले सरपंच, फिर पार्षद और फिर दोबारा सरपंच से हुई बातें
पुलिस महिला के फोन कॉल डिटेल से अब तक इस नतीजे पर पहुंची है कि पहले महिला की बातें सरपंच से ज्यादा होती रही हैं, फिर सरपंच से बातचीत बंद हो गई। पार्षद के फोन नंबरों पर बातचीत होती रही। लंबा सिलसिला चला।
धीरे-धीरे पार्षद सेे फोन पर बातें कम और दोबारा सरपंच से बातें अधिक होने लगी। मृतका की बेटे के कनाडा जाने के बाद पार्षद और सरपंच की मौजूदगी में मृतका के घर के आसपास तलाशने पर कुछ बड़ी कामयाबी भी पुलिस को मिली है।
मामला कैप्टन दरबार में ले जाने के लिए विधायकों की तैयारी
दोहरे हत्याकांड में सियासत के आ जाने से अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। जल्द ही मामला कैप्टन अमरिंदर सिंह के दरबार में ले जाने के लिए कुछ विधायकों ने आपस में बातचीत की है। मामले में पुलिस भी दबाव में आते दिख रही है। मामले को लेकर पुलिस चुप है।
सियासत से निंदा के बयान आए हैं, जांच में तेजी के बयान नहीं दिए हैं। एसआईटी को कुछ ऐसे नंबर मिले हैं, जो सत्ता के गलियारों से जुड़े हैं। ऐसे ही एक पहलवान का नंबर भी है, जो राजनीति में ऊंची पैठ रखते हैं। एक नंबर एक ऐसे सरपंच का है, जो पिछली सरकार में सीधे बादल परिवार से मिलने के वजूद के मालिक रहे हैं।
जिन मौजूदा पार्षद का फोन नंबर है, वह सियासत में एक मंत्री का चेला है। खादी व खाकी दोनों से दोस्ताना संबंध है। पार्षद के बारे में चर्चाएं हैं कि उनके पास 10 मोबाइल हैं, जिन्हें वह अलग-अलग कामों के लिए प्रयोग करता है। पार्षद को लेकर पुलिस हर पहलुओं पर जांच कर रही है।