सोना-चांदी और नोटों से भरी है ये झील, इसके अथाह खज़ाने का राज़ जानकर हिल जाएगे आप…

वैसे तो भारत को आस्था औऱ विश्वास का देश माना जाता है, जहां हर कदम-कदम पर नई संस्कृति नए रिती रिवाज़, नई परंपराएं निभाई जाती हैं। लेकिन इन सब के अलावा भारत एक औऱ चीज़ के कारण भी दुनियाभर में विख्यात है और वो है ‘चमत्कार’। जी हां, यहां आपको किसी न किसी मंदिर में ये फिर तिर्थ स्थल पर कुछ न कुछ अद्भुत व चमत्कारी दृश्य देखने को मिल ही जाएगा। इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसी चमत्कारी झील के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आप खुद को रोक नहीं पाएंगे। जी हां बता दें कि दुनिया में एक ऐसी झील भी मौजूद है जिसके ऊपर अरबो के नोट व सोने-चांदी के जेवरात तैरते हैं।

जी हां, ये कोई अनोखा सपना नहीं बल्कि बिल्कुल सच है। और हम आपको बता दें कि ये चमत्कारी झील और कहीं नहीं बल्कि भारत के ही हिमाचल प्रदेश में स्थित है। बता दें कि हिमाचल के मंडी जिला से करीब 60 किलोमिटर की दूरी पर है ‘कमरूनाग’ का मंदिर और उसी के सटे है यह झील।

कहा जाता है कि यहां अरबो-खरोबों की संपत्ती भरी पड़ी है और पानी के ऊपर तैरते ये नोट इस बात की गवाही देते हैं कि यहां सचमुच खज़ाना पड़ा हो सकता है। लेकिन अब आपके ज़हन में तरह –तरह के सवाल आ रहे होंगे, जैसे की- यहां इतने पैसे आए कहां से? और यदि यहां इतने पैसे हैं तो कोई चोर या डाकूं इन्हे यहां से लूटकर ले जाता क्यों नहीं?

तो हम आपको बता दें कि इस मंदिर की हमेशा से ही परंपरा रही है कि यहां मन्नत पूरा होने पर चढ़ाने वाले भोग व चढ़ावे में सोने व चांदी के ज़ेवरात चढ़ाए जाएंगे। साथ ही जितना चढ़ावा मंदिर में चढ़ेगा उतना ही इन नदी में चढ़ाना होगा। बस फिर क्या सभी श्रृद्धालुओं ने ऐसा ही करना शुरु कर दिया।

इतना ही नहीं बल्कि यहां कि ये भी मान्यता है कि यहां आज तक एक भी चोरी नहीं हुई है और अगर कोई यहां से कुछ चुराने की कोशिश करता है तो उसके आंखों की रौशनी उसी वक्त चली जाती है। स्थानिय लोगों का तो यहां तक मानना है कि यहां आने वाले सभी श्रृद्धालुओं की मन्नतें ज़रुर पूरी होती हैं, यहां से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता।

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वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां साल के 5 महिनों में बर्फ की परत जमी रहती है ऐसे में मंदिर के द्वार बंद रहते हैं और ना ही उस वक्त में यहां कोई आता जाता है। लेकिन फिर भी आज तक यहां एक भी चोरी नहीं हो पाई है। लोगों का कहना है कि पिछले साथ उसी समय में कुछ चोरों ने बर्फ को हटाकर चोरी करने की कोशिश की थी लेकिन जैसे ही वे मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचे तो उनके आंखों की रौशनी चली गई।

लेकिन जैसे ही वे फिर से झील की ओर मुड़े, उनकी आंखों की रौशनी फिर से लौट आई। उन चोरों ने जो भी चुराया था वे सभी चीज़े वहीं छोड़कर चले गएं।

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