सोनभद्र में जेट्रोफा खाने से 13 बच्चे बीमार

विसुंधरी के बच्चों ने गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र से लौटते समय फल खाया जबकि नौडिहा के बच्चों ने बुधवार की शाम खेल के दौरान खा लिया था।सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से पांच बच्चों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया। थाना क्षेत्र के विसुंधरी गांव के बच्चे गुरुवार की सुबह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने गए थे। वहां से छुट्टी होने पर बच्चे घर लौट रहे थे।

सोनभद्र में जेट्रोफा खाने से 13 बच्चे बीमार
रास्ते में बच्चों ने जेट्रोफा का फल खा लिया। इससे अंकित (3) पुत्र विजय, सोमवती (4), रघुवीर (5) पुत्रगण रामप्यारे, पूनम (3) पुत्री पारस, आकांक्षा (4) और नेहा (3) पुत्री उदय बीमार हो गए। घर पहुंचने के कारीब एक घंटे बाद सभी को उल्टी होने लगी और वे अचेत हो गए।

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इस पर परिवार वालों ने उन्हें शाम को सीएचसी में भर्ती कराया। उधर नौडिहा गांव में बुधवार की शाम जेट्रोफा का फल खाने से सात बच्चे अचेत हो गए। सभी बच्चे एक ही परिवार के हैं। नौडीहा निवासी आलुशी (3) पुत्री प्रभु, अंशु (8) पुत्र प्रभु, गरिमा (6) पुत्री उमेश, अमित (6) पुत्र बुडुक, ख़ुशी (6) पुत्री जितेंद्र बहादुर, प्रिंसु (8) पुत्री मुन्ना और अजीत (6) पुत्र मुन्ना बुधवार की शाम घर के पास खेल रहे थे।

वहीं पास में ही जेट्रोफा के कई पौधे उगे हुए थे, जिनका फल खा लिया। उनके बीमार होने पर रात करीब आठ बजे परिवार वाले एंबुलेंस से उन्हें लेकर सीएचसी पहुंचे। यहां से आलुशी, अंशु, गरिमा, अमित और ख़ुशी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

घोरावल सीएचसी के मेडिकल अफसर डॉ. गुरु प्रसाद मौर्य का कहना है कि जेट्रोफा के फल में न्यूरोटॉक्सिक टाइप का प्वाइजन होता है। यह सीधे व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है। ज्यादा खाने से व्यक्ति गहरी व लंबी नींद में जा सकता है। एक सीमा से अधिक खाने पर मौत भी हो सकती है।

 
 
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