सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद देहरादून में सतर्क हुई पुलिस ने शहर के कोचिंग सेंटरों की पड़ताल

गुजरात के सूरत में शुक्रवार को कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद देहरादून में सतर्क हुई पुलिस ने शहर के कोचिंग सेंटरों की पड़ताल की तो महज एक सेंटर के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी मिली। यह स्थिति तब है जब शहर में छोटे-बड़े करीब 200 कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। यह भी गंभीर बात है कि इनमें ज्यादातर कोचिंग सेंटर विभिन्न कांप्लेक्सों में सबसे ऊपर की मंजिल पर चल रहे। वर्षों से बिना एनओसी कुकुरमुत्तों की तरह खुले इन कोचिंग सेंटरों में पड़ताल की जहमत अग्निशमन, प्रशासन या पुलिस ने कभी नहीं उठाई। गाहे-बगाहे अवैध निर्माण या सुरक्षा मानक पूरे न करने पर कांप्लेक्सों या भवनों पर कार्रवाई करने वाला एमडीडीए भी आंखे फेरे हुए है। यह जरूर है कि अब नींद से जागी पुलिस और अग्निशमन विभाग ने 13 कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी कर सुरक्षा उपकरण लगाने का निर्देश दिया है।

एजुकेशन हब के नाम से मशहूर देहरादून में शैक्षिक संस्थानों की भरमार है। राजधानी बनने के बाद यहां उच्च शैक्षिक संस्थानों व कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आ गई। इनमें करीब डेढ़ दर्जन बड़े निजी कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी हैं और लगभग दो दर्जन बड़े कोचिंग सेंटर। यहां लाखों की संख्या में शहर समेत प्रदेश व देश के दूसरे राज्यों के बच्चे पढ़ते हैं। ये स्थिति है कि संस्थानों को सिर्फ मोटी फीस से मतलब रहता है। बच्चे क्या कर रहे हैं, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं।

यही वजह है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी संस्थान संचालक बेखबर रहते हैं। बात कोचिंग को लेकर करें तो शहर में राजपुर रोड, ईसी रोड समेत सुभाष रोड, धर्मपुर, बल्लूपुर चौक व करनपुर, क्लेमनटाउन, प्रेमनगर और वसंत विहार आदि क्षेत्र में कोचिंग सेंटरों की बाढ़ है। ज्यादातर संस्थान बड़े कांप्लेक्स में चल रहे हैं और कोई भी विभाग इनकी जांच के लिए आगे नहीं आता। सूरत अग्निकांड के बाद पुलिस मुख्यालय के आदेश पर क्षेत्रीय पुलिस की नींद टूटी तो पहले ही दिन जांच में 13 कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा उपकरणों का अभाव मिला। बड़ी बात ये है कि पुलिस ने शनिवार को जितने भी संस्थान खंगाले, वह सभी नामचीन हैं। ऐसे में अंदाजा खुद लग सकता है कि जब बड़ों के ये हालात हैं तो छोटे सेंटरों की क्या स्थिति होगी। 

इन कोचिंग सेंटरों को दिया नोटिस

सुभाष रोड स्थित कैरियर लांचर, टाइम कोचिंग सेंटर, बुल्स आई कोचिंग सेंटर, बंसल क्लासेज, अल्फा बीटा गामा कोचिंग सेंटर, वाइब्रेंट एकेडमी, ईसी रोड पर स्थित मङ्क्षहद्रा एजुकेशनल प्राइवेट लिमिटेड समेत वॉरियर डिफेंस एकेडमी, लक्ष्य एकेडमी, केशव इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टिकल ट्रेनिंग, एसके कैंपस और सर्वे चौक स्थित ग्राउंड जीरो डिफेंस इंस्टीट्यूट।

एक सेंटर में मिला गैस का चैंबर

सुभाष रोड स्थित एक कोचिंग सेंटर में अग्निशमन विभाग को गैस का चैंबर बना मिला। प्रवेश द्वार की सीढिय़ों से सटाकर गैस के कईं सिलेंडर रखे हुए थे, जो कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। इस दौरान एक सेंटर की सीढिय़ों के पास बनाए गए बिजली के मेन बोर्ड के नीचे गोदाम में रखे जाने वाली गत्ते की पेटियां मिलीं। शार्ट शर्किट के दौरान यहां भी बड़ा हादसा हो सकता है।

दस हजार से ऊपर व्यावसायिक प्रतिष्ठान, एनओसी 716 की

नगर निगम के रेकार्ड के अनुसार शहर में दस हजार से ऊपर व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, लेकिन अग्निशमन विभाग में एनओसी केवल 716 के पास है। पिछले वर्ष 2018 में अग्निशमन विभाग में नए-पुराने 1258 प्रतिष्ठानों को एनओसी जारी हुई थी, मगर इस साल यह आंकड़ा घटकर महज 716 रह गया। नए प्रतिष्ठानों की संख्या लगभग पचास है, जबकि बाकी पुराने ने एनओसी का नवीनीकरण कराया है। सवाल यह उठ रहा कि जब पुराने प्रतिष्ठान एनओसी का नवीनीकरण नहीं करा रहे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।

सस्ते में मिलती है ऊपरी मंजिल

ज्यादातर कोचिंग संस्थान कांप्लेक्सों में ऊपरी मंजिल पर इसलिए संचालित होते हैं, क्योंकि उन्हें जगह सस्ते में मिल जाती है। ऊपरी मंजिल दुकानदार लेना नहीं चाहते हैं और इसी वजह से जब कांप्लेक्स में ऊपरी मंजिल खाली रहती है तो संचालक इसका प्रयोग कोचिंग सेंटर को जगह देने या फिर गोदाम के रूप में करते हैं।

हर बार रहता है घटना का इंतजार

दून का पुलिस-प्रशासन हर बार तभी नींद से जागता है, जब देश के किसी दूसरे शहर में कोई बड़ा हादसा होता है। चलती बस में दुष्कर्म का मामले हो या निर्माणाधीन भवन गिरने के। वेस्ट बंगाल-यूपी में फ्लाईओवर गिरे तो यहां भी गुणवत्ता की जांच शुरू कर दी गई। ऐसे ही कहीं आतंकी पकड़े जाते हैं तो दून पुलिस दो-तीन दिन चेकिंग करती है लेकिन स्थायी सुरक्षा की तरफ कभी ध्यान नहीं जाता। 

अविरल ने दिए बचाव के टिप्स

गुजरात में घटी घटना के बाद अविरल क्लासेज के राजपुर रोड व बल्लूपुर चौक स्थित संस्थानों में छात्र-छात्राओं को आग से बचाव के टिप्स दिए गए। इसके साथ ही गुजरात अग्निकांड के मृतकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। संस्थान निदेशक डीके मिश्रा ने बताया कि उनके संस्थान में आग से बचाव के तमाम उपकरण मौजूद हैं और समय-समय पर इनकी जांच भी की जाती है। सुरक्षा के दृष्टिगत संस्थान सीसी कैमरों से भी लैस किया गया है। 

बोले अधिकारी

एसके राणा (मुख्य अग्निशमन अधिकारी) का कहना है कि कांप्लेक्सों में सुरक्षा उपकरण न मिलने पर अग्निशमन विभाग के पास सिर्फ नोटिस देने का अधिकार है, कार्रवाई का नहीं। नए एक्ट में विभाग को कार्रवाई का अधिकार मिल सकता है। उसके बाद विभाग प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर पाएगा।

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