सूडान में महिलाओं के खतने की दर काफी ज्यादा, यहां महिलाओं के साथ…

आपको बता दें कि सूडान उन देशों में शामिल है, जहां महिलाओं के खतने की दर काफी ज्यादा दर्ज की जाती रही है। सूडान के कानून मंत्री नसरेदीन अब्दुलबारी ने कहा कि सूडान की सरकार ऐसे कानूनों को खत्म करने पर जुट गई है। अब्दुलबारी ने कहा कि हम ऐसे किसी भी कानून को नहीं रहने देंगे जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हों। इसीलिए महिलाओं का खतना अब बैन कर दिया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कैसे होता हैं महिलाओं का खतना, नहीं तो आज हम आपको बताएंगे।

इस प्रक्रिया में महिला योनि के एक हिस्से क्लिटोरिस को रेजर ब्लेड से काट दिया जाता है। या कुछ जगहों पर क्लिटोरिस और योनि की अंदरूनी त्वचा को भी आंशिक रूप से हटा दिया जाता है। इस परंपरा को लेकर विश्वास है कि महिला यौनिकता पितृसत्ता के लिए खतरनाक है और महिलाओं को सेक्स का लुत्फ उठाने का कोई अधिकार नहीं है। माना जाता है कि जिस महिला का खतना हो चुका है, वह अपने पति के प्रति ज्यादा वफादार होगी और घर से बाहर नहीं जाएगी। संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक खतना चार तरह का हो सकता है-पूरी क्लिटोरिस को काट देना, कुछ हिस्सा काटना, योनी की सिलाई, छेदना या बींधना।

एक ही रेजर से कई महिलाओं का खतना होने से उन्हें योनी संक्रमण के अलावा बांझपन जैसी बीमारियां हो जाती हैं। खतने के दौरान ज्यादा खून बहने से बच्ची की मौत भी हो जाती है। दर्द सहन न कर पाने और शॉक के कारण कई बच्चियां कोम में भी चली जाती हैं।

यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में सालाना 20 करोड़ महिलाओं का खतना होता है। इनमें आधे से ज्यादा सिर्फ मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया में होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक जिन 20 करोड़ लड़कियों का खतना होता है, उनमें से करीब साढ़े चार करोड़ बच्चियां 14 से कम उम्र की होती हैं। इंडोनेशिया में आधी से ज्यादा बच्चियों का खतना हो चुका है।

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