सूडान ने कट्टरपंथी इस्लामी नीतियों से पीछे हटते हुए महिलाओं के हक में लिया गया ये बड़ा फैसला…

 सूडान ने कट्टरपंथी इस्लामी नीतियों से पीछे हटते हुए महिलाओं के खतना पर रोक लगाने का फैसला किया है. साथ ही, गैर मुस्लिमों को अब देश में निजी तौर पर शराब पीने की इजाजत होगी. मालूम हो कि सूडान उन देशों में शामिल है, जहां मह‍िलाओं के खतने की दर काफी ज्यादा रही है. 

करीब 30 साल बाद कट्टरपंथी इस्लामी नीतियों में सुधारों की घोषणा करते हुए सूडान के न्याय मंत्री नसरेडीन अब्दुलबारी (Nasredeen Abdulbari) ने कहा कि सरकार ऐसे कानूनों को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं. इसी के मद्देनजर महिलाओं के खतना को प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा, गैर मुस्लिमों को अब निजी तौर पर शराब के सेवन की इजाजत होगी.

एक अनुमान के मुताबिक, सूडान की आबादी का लगभग तीन प्रतिशत हिस्सा गैर-मुस्लिम है. पूर्व राष्ट्रपति जाफर निमीरी ने 1983 में इस्लामिक कानून लागू करने के बाद देश में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया था. लगभग तीन दशक तक सत्ता में रहने वाले उमर अल-बशीर को पिछले साल सरकार से बेदखल कर दिया गया था. इसके बाद नई सरकार ने नए सूडान के गठन का वादा किया, जिसमें भेदभाव, मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनों को समाप्त करने और विद्रोहियों के साथ शांति स्थापित करने की बात कही गई थी. गौरतलब है कि बशीर कट्टर इस्लामिक कानूनों के पक्षधर थे.   

धर्म त्यागना अपराध नहीं
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, न्याय मंत्री नसरेडीन अब्दुलबारी ने यह स्पष्ट किया है कि गैर मुस्लिम अब निजी तौर पर शराब पी सकेंगे और इसके लिए उन्हें अपराधी नहीं माना जाएगा, लेकिन मुसलमानों के लिए प्रतिबंध जारी रहेगा. यानी अगर वह शराब पीने के दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर इस्लामी कानून के तहत कार्रवाई होगी.  सरकारी टेलीविजन पर सुधारों की घोषणा करते हुए अब्दुलबारी ने कहा कि महिलाओं को अब अपने बच्चों के साथ यात्रा करने के लिए पुरुष सदस्यों की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही, सूडान में धर्म त्यागना भी अपराध नहीं माना जाएगा. इससे पहले तक इस्लाम का त्याग करने वालों को मौत की सजा का प्रावधान था. 

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