सुखपाल खैहरा का साथ छोड़ सकते हैं कंवर संधू व आप पार्टी के 7 बागी विधायक

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी से निलंबित विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को नया राजनीतिक माेर्चा बनाने की कोशिशों के बीच झटका लग सकता है। पार्टी से निलंबित विधायक कंवर संधू समेत अन्य सात बागी विधायकों ने अभी सुखपाल खैहरा से दूरी बना सकते हैं। पार्टी से निलंबित विधायक कंवर संधू समेत अन्य सात बागी विधायकों ने सुखपाल खैहरा से दूरी बना सकते हैं। खैहरा ने आप को झटका देने के लिए एक नया डेमोक्रेटिक अलायंस बनाकर भविष्य में चुनाव लड़ने का एेलान कर दिया है। लेकिन, अब तक साथ रहे विधायकों के अलग होने से खैहरा की कोशिशों को झटका मिल सकता है।

नया फ्रंट बनाने की चर्चा, सता रहा दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई का डर

सूत्रों से पता चला है कि पिछले दिनों सुखपाल खैहरा के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे सात विधायकों ने बुधवार को मीटिंग करन का फैसला किया है। इस मीटिंग में फैसला लिया जाएगा कि वे प्रत्यक्ष रूप से पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ चलना है या फिर अपना अलग फ्रंट बनाना है।

खरड़ से आप के विधायक कंवर संधू ने बुधवार को मीटिंग करने का फैसला लिया है। इन विधायकों का मानना है कि वह आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, जबकि सुखपाल खैहरा व कंवर संधू को पार्टी ने निलंबित कर दिया है। ऐसे हालात में यदि वे प्रत्यक्ष रूप में सुखपाल खैहरा के साथ चलते हैं, तो उन पर पार्टी की तरफ से कार्रवाई हो सकती है। पार्टी दल-बदल कानून का सहारा भी ले सकती है।

सूत्रों के अनुसार, अपना विधायक ओहदा बचाने के लिए ये विधायक प्रत्यक्ष तौर पर खैहरा के धड़े के साथ नहीं चलेंगे और अपना एक अलग फ्रंट बनाएंगे, जिससे पार्टी पर दबाव भी बना रहे और लोगों में यह संदेश भी बरकरार रहे कि पंजाब की मांगों को लेकर इन विधायकों का रुख दिल्ली लीडरशिप से अलग है।

खुद मुख्तयारी की मांग पर की थी बगावत

सुखपाल सिंह खैहरा ने विरोधी पक्ष के नेता के पद से हटाए जाने के बाद पार्टी से बगावत कर दी थी। उन्होंने खुद मुख्तियारी की मांग को लेकर पार्टी लीडरशिप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पिछले महीने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ दौरे के बाद पार्टी की कोर कमेटी ने सुखपाल खैहरा व कंवर संधू को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया था।

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