सीएम योगी ने चार राज्यों में सजाई चुनावी बिसात, तीन सप्ताह में 74 सभाएं

पहले गुजरात, कर्नाटक और त्रिपुरा में चुनावी मोर्चे की जिम्मेदारी। अब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से प्रचार युद्ध में अगले मोर्चे पर भागीदारी। तीन सप्ताह में 74 सभाएं। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के 21 महीने के भीतर योगी आदित्यनाथ ने साबित कर दिया कि भाजपा के चुनावी मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में उनकी मौजूदगी अब जरूरी हो गई है।

भाजपा के उम्मीदवारों को उनमें अपनी चुनावी नैया पार लगाने की उम्मीद दिखने लगी है। खासतौर से हिंदुत्व के सरोकारों से जुड़े समीकरणों को साधकर वह विपक्ष को बेचैन करने में कामयाब हैं। इसीलिए भाजपा उम्मीदवारों में उनकी मांग बढ़ती जा रही है।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में मुख्यमंत्री रमन सिंह के नामांकन के साथ 23 अक्तूबर को शुरू हुआ योगी के चुनाव प्रचार का सफर पांच दिसंबर को तेलंगाना में जाकर रुका। इसके साथ ही योगी ने साबित कर दिया है कि जहां भी चुनाव होंगे, योगी के कंधों पर भाजपा के प्रचार की जिम्मेदारी जरूर रहेगी। इसलिए चुनावी मोर्चे पर लड़ाई की जिम्मेदारी संभालने का उनका काम इन चार राज्यों में चुनाव प्रचार थमने के साथ खत्म नहीं हुआ है। आगे भी जहां चुनाव होंगे, वहां उनका उपयोग जरूर होगा।

किस राज्य में कितनी सभाएं

योगी आदित्यनाथ ने मध्यप्रदेश में 17, छत्तीसगढ़ में 23, राजस्थान में 26 और तेलंगाना में 8 सभाएं कीं। छत्तीसगढ़ में भिलाई, राजनांदगांव, कबीरधाम,  दुर्ग, कोरबा, रायगढ़ आदि में उनकी सभाएं हुईं तो राजस्थान में नागौर, गंगानगर, बारां, चित्तौड़गढ़, कोटा, सीकर, चूरू, जैसेलमेर सहित कई जगह सभाएं हुईं। मध्यप्रदेश में विदिशा, उज्जैन, रायसेन, धार, खंडवा, रतलाम, सागर, इंदौर, भोपाल व सीहोर में सभाएं हुईं।

इस तरह प्रचार

कर्नाटक, त्रिपुरा और गुजरात में तो योगी जिन क्षेत्रों में गए, वहां ईवीएम से निकले वोटों ने यह साबित कर दिया कि वे भाजपा के लिए वोट जुटाने वाले चेहरा बन चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक, त्रिपुरा और गुजरात में उत्तर प्रदेश से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्तों को जोड़कर तो भगवान राम के सहारे समीकरणों को धार देकर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। नाथ संप्रदाय के समीकरण भी बैठाकर भाजपा को लाभ दिलाया। इन तीन राज्यों के चुनावी तेवर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में भी दिखे।

योगी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान, अयोध्या, हिंदुत्व और अली बनाम बजरंगबली जैसी बातों से भाजपा के चुनावी रंग को गाढ़ा किया। तेलंगाना में ओवैसी पर हमला कर हिंदुत्व के समीकरणों को धार दी। योगी के समीकरण भाजपा की जीत में कितने सहायक होंगे, यह तो नतीजों से पता चलेगा लेकिन उन्होंने यह साबित कर दिया कि उनके रूप में भाजपा को विपक्ष को अपनी बातों से बेचैन कर देने वाला एक नेता और मिल गया है।

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