सीएम केजरीवाल-सिसोदिया की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अंशु प्रकाश से मांगा जवाब

 दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अंशु प्रकाश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी. दरअसल, याचिका में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने अंशु प्रकाश मामले की जांच एसीपी रैंक से नीचे के अधिकारी से न करने के निर्देश दिए थे.सीएम केजरीवाल-सिसोदिया की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अंशु प्रकाश से मांगा जवाब

साथ ही निचली अदालत के उस निर्देश को भी चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने अंशु प्रकाश की मांग पर दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए वकील के बजाय दिल्ली पुलिस द्वारा नियुक्त किए गए दो वकीलों को अभियोजक बनाने का निर्देश दिया था.

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने याचिका में एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले को रद करने और निचली अदालत में बहस दिल्ली सरकार के लोक अभियोजक द्वारा करने की अनुमति देने की मांग की है. इस याचिका का दिल्ली पुलिस के वकील व अंशु प्रकाश ने विरोध किया है.आपको बता दें कि यह घटना 19 फरवरी 2018 की है जब रात करीब 12 बजे मुख्य सचिव को केजरीवाल के आवास पर राशन कार्ड व अन्य मुद्दों पर मीटिंग के लिए बुलाया था. किसी मुख्यमंत्री के आवास पर मुख्य सचिव के पद पर आसीन अफसर से मारपीट का भी यह पहला मामला था.

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश का आरोप था कि इस दौरान कुछ आप नेता गुस्से में आ गए और उनके साथ हाथापाई की.उनका आरोप था कि इस पूरी घटना के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहां मौजूद थे और वह तमाशा देखते रहे.उस दिन के बाद से ही दिल्ली के अफसरों ने सरकार के मंत्रियों से मिलना बंद कर दिया था.वह दफ्तर तो आते हैं पर विधायकों या मंत्रियों की बैठक में नहीं पहुंचते थे. इसी के चलते केजरीवाल व उनके तीन सहयोगियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय ने 10 दिनों तक एलजी दफ्तर में धरना भी दिया था.

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