सीएम कमलनाथ ने बंद किए शिवराज की फोटो वाले कार्ड, करोड़ो रुपये हुए थे खर्च

मध्यप्रदेश में कमान संभालने के बाद कमलनाथ एक के बाद एक पिछली सरकार के फैसलों की समीक्षा कर रहे हैं। वंदे मातरम् विवाद थमने के बाद अब मौजूदा कांग्रेस सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे सियासी संग्राम छिड़ना तय है। दरअसल, सरकार ने संबल योजना के तहत जारी स्मार्ट कार्ड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।  बताया जा रहा है कि नई सरकार इस योजना के तहत नए कार्ड जारी करेगी।

शिवराज सरकार ने 18 करोड़ रुपये खर्च करके संबल योजना के तहत मुख्यमंत्री के फोटो वाले स्मार्ट कार्ड जारी किये थे। कार्ड पर शिवराज की फोटो होना ही इसे वापस लेने की असल वजह बताई जा रही है। खबरों की मानें तो कमलनाथ नए कार्ड जारी करेंगे और उन कार्ड पर मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं होगी।

बता दें कि जुलाई 2018 में भाजपा सरकार ने संबल योजना के तहत 1.80 करोड़ मजदूरों के लिए स्मार्ट कार्ड छपवाए थे। इन पर शिवराज का फोटो लगा था। उस वक्त भी कांग्रेस ने इसे चुनावी हथकंडा बताते हुए इसका विरोध किया था। स्मार्ट कार्ड को वापस लेने के लिए श्रम विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने सभी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ पत्र लिख भेजा है।

वैधता 5 साल, फोटो ने किया कार्ड बेकार 

सम्बल योजना के तहत श्रम विभाग ने सभी जिलों में कामकाजी और असंगठित मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया था। प्रत्येक मजदूर के मान से कार्ड के लिए 10 रुपए की राशि ली गई थी। 6 अक्टूबर को आचार संहिता लग जाने से कार्ड बांटने पर रोक लग गई थी। कार्ड की वैधता 5 साल की है है मुख्यमंत्री बदल जाने से कार्ड पर मौजूद फोटो अप्रासंगिक हो चुकी है। 

बताया जा रहा है कि नए कार्ड में मजदूर की व्यक्तिगत जानकारी, नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल, वैधता लिखी होगी। इस पर मुख्यमंत्री की फोटो नहीं होगी। साथ ही इसका लोगों भी बदला जाएगा। कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल योजनाओं की जानकारी भी मौजूद होगी। 

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