सिर्फ बाहर से ही नहीं शरीर के अंदर की गंदगी को दूर करना भी है जरूरी

क्या आप हमेशा सुस्ती का अनुभव करते हैं? क्या अचानक आपके चेहरे पर मुहांसे और त्वचा पर फुंसी निकल आती हैं? क्या आप अपने पाचन तंत्र में गड़बड़ी महसूस कर रहे हैं? अगर हां, तो आपका शरीर विषाक्त हो चुका है।सिर्फ बाहर से ही नहीं शरीर के अंदर की गंदगी को दूर करना भी है जरूरी

गंदगी सिर्फ हमारे आसपास ही मौजूद नहीं होती है, बल्कि यह हमारे शरीर में भी होती है। इसके कारण ही कई प्रकार की बीमारियां जैसे- तनाव, अनिद्रा, कोल्ड एंड फ्लू, अपच, वजन बढ़ना आदि होने लगती हैं। समय रहते इनका उपचार न किया जाए, तो ये सामान्य बीमारियां गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए इन सामान्य लक्षणों को जानकर इनका उपचार करना जरूरी है। शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करवाना, पोषण देना और आराम पहुंचाना डिटॉक्सिफिकेशन कहलाता है।

डिटॉक्सिफिकेशन के दौरान शरीर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं और शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे किडनी, त्वचा, फेंफड़े, आंत आदि स्वस्थ रहते हैं। शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आपको कुछ खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन करना बहुत जरूरी होता है। डिटॉक्स, शरीर और दिमाग को स्वस्थ और तरोताजा रखने की प्रक्रिया है। इससे मानसिक तनाव और दूसरे विकार दूर भागते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है। शराब, तले पदार्थ, चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोसेस्ड फूड आदि से परहेज करें। ज्यादा पानी पीना और हरी सब्जियां खाना अच्छा है। विषैले पदार्थों के कारण तनाव बढ़ जाता है। तनाव शरीर की क्रियाओं को प्रभावित करता है।

जंक फूड बढ़ाते हैं तनाव
पर्यावरण प्रदूषण, कीटनाशकों से दूषित भोजन और यहां तक कि जंक फूड जो तनाव बढ़ाते हैं, उससे शरीर और दिमाग दोनों प्रभावित होते हैं। यह तनाव शरीर में विषैले तत्वों का जमाव बढ़ाता है। इन विषैले तत्वों का भारी मात्रा में एकत्र होना और तनाव का बना रहना ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहलाता है। वजन बढ़ना भी शरीर में विषैला कचरा जमा होने का संकेत है।

अमूमन खाने की अस्वस्थ व खराब आदत वाले लोग इस समस्या से ज्यादा पीडि़त हैं। ऐसे लोग खाते-पीते ज्यादा हैं। ये लोग जितनी कैलोरी वाला खाना खाते हैं, उसमें से बहुत कम खर्च कर पाते हैं। नतीजतन शरीर कैलोरी ऊर्जा को चर्बी में के रूप में जमाकर मोटापा बढ़ाता है। इसलिए उतना ही खाएं, जितना आप खर्च कर सकते हैं। खानपान की चीजों से जुड़े कैलोरी ज्ञान को बढ़ाएं। साथ में खाने के मामले में खुद पर नियंत्रण करना सीखें। पेट में गैस, अपच, डकारे, जलन, दर्द, उल्टी-दस्त आदि लक्षण बताते हैं कि शरीर में जो कचरा बन रहा है, वह बाहर नहीं निकल रहा है।

आहार और आदतों के कारण कचरे पर कचरा जमा होकर विष बनता जा रहा है और शरीर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। विषैले पदार्थ शरीर की क्रियाओं को अवरोधित करते हैं। बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के कई तरीके हैं और कोई भी डिटॉक्स प्रोग्राम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूरी है।
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए ग्रीन टी पीएं
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए ग्रीन टी पीएं
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए
1. चीनी का सेवन कम करें
2. पानी ज्यादा पीएं
3. एक्सरसाइज करें
4. ग्रीन टी पीएं
5. मेडिटेशन करें
6. एक्सफोलिएट करें
7. हरी सब्जियां खाएं
8. लहसुन खाएं
9. सलाद खाएं
डिटॉक्सिफिकेशन से शरीर को अवांछित विषाक्त पदार्थों से छुटकारा मिलता है।

विशेषज्ञ कहते हैं…
डिटॉक्सिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा शरीर को अवांछित विषाक्त पदार्थों से छुटकारा मिलता है। इन विषाक्त पदार्थों का कारण पर्यावरण प्रदूषकों या जंक रिफाइंड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन होता है। वहीं तेल, नमक और चीनी का अत्यधिक सेवन से भी शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां पैदा होती हैं। यदि बहुत अधिक भोजन या गलत प्रकार के भोजन से आपको पेट भरा-भरा सा लग रहा है, तब भी आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करने की आवश्यकता पड़ती है।

यदि आप कई दवाएं ले रहे हैं, जिनका असर शरीर से पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, तब आपके शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन की आवश्यकता पड़ भी सकती है और नहीं भी। शरीर को विषाक्त होने से बचाने के लिए जंक फूड्स और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें। नियमित रूप से व्यायाम करें। हफ्ते या 15 दिन में एक बार उपवास करें। नींबू के रस के साथ गर्म पानी के गिलास से दिन की शुरुआत करें। थोड़ा समय प्रकृति और सूरज की रोशनी में बिताएं।
डॉ. हिमांशी शर्मा

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