सिर्फ कोहली की ही गलती नहीं, सचिन-सौरव-लक्ष्मण-द्रविड़ भी जिम्मेदार!

टीम इंडिया बिना कोच के वेस्टइंडीज़ के साथ लोहा लेने को तैयार है. लेकिन अभी-भी लोगों का ध्यान क्रिकेट सीरीज पर कम और कुंबले-कोहली विवाद पर ज्यादा है. कप्तान विराट कोहली ने भी इस पर ज्यादा कुछ बोलने से मना कर दिया है, कोहली ने बस इतना ही कहा कि वह अनिल भाई का सम्मान करते हैं पर ड्रेसिंग रुम की बात वह नहीं बताएंगे. इस वाक्ये में अभी तक लगातार विराट कोहली की आलोचना हुई है, लेकिन इसके दूसरे पहलू को देखें तो गलती सिर्फ विराट कोहली की नहीं है.

कोहली की ही गलती नहीं, सचिन-सौरव-लक्ष्मण-द्रविड़

जी, अभी तक के इस पूरे विवाद में बीसीसीआई की सलाहकार समिति काफी कमजोर नजर आई है. इस समिति में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण हैं. समिति कमजोर इसलिए भी नजर आई है क्योंकि अनिल कुंबले को इसी समिति ने कोच बनाया था. और जब विराट-कुंबले का विवाद सामने आया तो इस कमेटी ने दोनों में सुलह करवाने की कोशिश तो की लेकिन ना के बराबर. तीनों दिग्गजों ने पहले कहा था कि हम चाहते हैं कि अनिल कुंबले 2019 तक कोच रहे, लेकिन बीच में विवाद बड़ा तो उन्होंने इससे हाथ खींचा.

मौन रहे दिग्गज!
हालांकि सचिन-सौरव-लक्ष्मण ने कुंबले के कार्यकाल को वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए बढ़ा भी दिया था. लेकिन कुंबले छोड़कर चले गए. इस दौरान इस समिति ने कुछ भी नहीं किया जबकि बीसीसीआई की इस कमेटी को ताकत मिली हुई है. अगर वह चाहते तो कुंबले को वेस्टइंडीज़ दौरे तक रोक सकते थे और उनसे कहा जा सकता था इसके बाद हम इस मुद्दे पर आगे फैसला करेंगे. हालांकि, यह कुंबले का निजी फैसला भी था.

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पीछे हटी ‘दीवार’!
वहीं इस कमेटी से अलग राहुल द्रविड़ भी इस विवाद में थोड़े अलग से दिखे. विवाद से पहले राहुल द्रविड़ ने कहा था कि बीसीसीआई को अभी से ही महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह का रिप्लेस्टमेंट ढूंढना चाहिए. वहीं खबर थी कि अंडर-19 के कोच के रुप में उनके कार्यकाल को 2 साल के लिए बढ़ा भी दिया गया था.

लेकिन एक सीनियर होने के नाते राहुल द्रविड़ का फर्ज बनता था कि वह इस मुद्दे पर आगे आएं. हर कोई चाहता है कि द्रविड़ टीम इंडिया के कोच बने, लेकिन वह अंडर-19 के ही कोच बनना चाहते हैं. राहुल द्रविड़ अपनी जगह भी सही हैं, क्योंकि वह चाहते हैं कि वह टीम इंडिया के भविष्य को अच्छा बनाना चाहते हैं. लेकिन इस समय की परिस्थिति को देखते हुए द्रविड़ को आगे आना चाहिए था.

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