सियासी खेमेबाजी में उलझा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना, दिलचस्पी न लेने वालों में सीएम योगी भी शामिल

गांवों को आदर्श बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना अपने दूसरे फेज में ही सियासी खेमेबाजी में फंसकर रह गया है। न सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने ही प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत किसी गांव को आदर्श रूप से विकास कराने के लिए चुना और न सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने। 
सियासी खेमेबाजी में उलझा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना, दिलचस्पी न लेने वालों में सीएम योगी भी शामिल
मोदी के सपने में दिलचस्पी न लेने वालों में कुछ भाजपा सांसद भी शामिल हैं लेकिन बड़ी संख्या भाजपा विरोधी दलों के सांसदों की है।  
यूपी के 18 लोकसभा सदस्यों ने अभी दूसरे चरण के लिए गांव का चयन नहीं किया है। 

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इनमें 2 कांग्रेस, 5 सपा तथा 11 भाजपा के हैं। इनमें योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाने के कारण उन्होंने गांव का चयन नहीं किया। वहीं, राज्यसभा के भी 23 सदस्यों ने दूसरे चरण के लिए गांव का चयन नहीं किया है। 

इनमें तीन भाजपा के, तीन बसपा के, दो कांग्रेस के और 15 सपा के हैं। भाजपा के जिन सदस्यों ने गांव चयनित नहीं किए हैं, उनमें मनोहर परिकर भी शामिल हैं। वे अब राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर गोवा के मुख्यमंत्री बन चुके हैं।

नहीं हो पाया मॉडल विकास

प्रधानमंत्री ने अपेक्षा की थी कि सांसद पहले चरण के लिए चयनित गांवों का मार्च 2016 तक आदर्श विकास करा देंगे, पर मोदी के जयापुर को छोड़कर ज्यादातर गांव का विकास अभी मुकाम तक नहीं पहुंच पाया है। विकास के लिए तय मानकों की कसौटी पर अभी काम पूरे नहीं हो पाए हैं।

यह है बानगी
सियासी खींचतान की बात इसलिए सही दिखाई देती है क्योंकि प्रदेश से लोकसभा के सिर्फ सात सदस्य ऐसे हैं जो गैर भाजपाई हैं। इनमें किसी ने भी गांव का चयन नहीं किया है। इनमें कांग्रेस की सोनिया गांधी व राहुल गांधी तथा सपा के मुलायम सिंह यादव के अलावा अक्षय यादव, धर्मेन्द्र यादव, डिम्पल यादव, तेजप्रताप सिंह यादव शामिल हैं। 

इनमें सपा के अक्षय यादव ने न तो पहले चरण में किसी गांव का चयन किया और न दूसरे चरण में। राज्यसभा सदस्यों में प्रो. रामगोपाल यादव, आलोक तिवारी, सतीशचंद्र मिश्र, जावेद अली खान, नीरज शेखर, चंद्रपाल सिंह यादव ने लगातार दूसरी बार गांव का चयन नहीं किया।

शुरू से खींचतान
यह योजना शुरू से ही सियासी खींचतान में फंसी दिखी। सरकार की ही रिपार्ट के मुताबिक, पहले चरण में तत्कालीन राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव, सतीश चंद्र मिश्र, कनकलता सिंह, आलोक तिवारी, अरविंद कुमार सिंह, चौधरी मुनव्वर सलीम, जावेद अली खान, नीरज शेखर और चंद्रपाल सिंह यादव ने गांव चयनित नहीं किए। इनमें से ज्यादातर सपा के थे। 

दूसरे चरण में इन्होंने नहीं चुने गांव  

दूसरे चरण में इनकी संख्या और बढ़ गई। इनमें अमर सिंह और मोदी पर जब-तब तंज कसने वाले आजम खां की पत्नी फातिमा तजीम शामिल हैं। 

भाजपा के लोकसभा सदस्य : डॉ. मुरली मनोहर जोशी, हेमामालिनी, पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, राजेश कुमार दिवाकर, राघव लखनपाल, दद्दन मिश्र, जगदंबिका पाल, राजेश पांडेय, कमलेश पासवान, अनुप्रिया पटेल। 

राज्यसभा सदस्य : विशंभर प्रसाद निषाद, प्रमोद तिवारी, आलोक तिवारी, दर्शन सिंह यादव, विनय कटियार, मुनकाद अली, सतीशचंद्र मिश्र, जया बच्चन, प्रो. रामगोपाल यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रविप्रकाश वर्मा, चंद्रपाल सिंह यादव, अशोक सिद्धार्थ, सुरेंद्रसिंह नागर, संजय सेठ, शिवप्रताप शुक्ल, सुखराम सिंह यादव, कपिल सिब्बल, रेवती रमण सिंह।  

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