सिख दंगे की फाइल SIT को चाहिए पर उन्हें दीमक खा गए

1984 सिख दंगा मामले में हत्या और डकैती की बंद 26 फाइलों को खोलना एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) के लिए चुनौती साबित हो रही है। इन केस में मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली हैं। 35 साल पहले जिला अस्पताल में रखे गए पोस्टमार्टम से संबंधित दस्तावेजों को दीमक खा गए हैं। जब एसआईटी ने सीएमओ आॅफिस से इसकी जानकारी मांगी तो यह बात सामने आई।

सिख दंगों के दौरान कानपुर शहर में 117 लोगों की मौत हुई थी। इसमें हत्या (302) व हत्या कर डकैती (396) के कुल 38 मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने 12 मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी है जिसमें कुछ में आरोपियों को सजा मिली थी, वहीं कुछ मामलों में आरोपी बरी हो गए थे।

इसके अलावा बाकी 26 केसों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई थी। अब जब शासन के आदेश पर गठित एसआईटी इन मामलों की दोबारा जांच कर रही है तो उसे मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता है।

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया है कि सीएमओ आॅफिस को पत्र लिखकर दस्तावेज मांगे गए थे। इसके जवाब में सीएमओ आॅफिस ने बताया कि दीमक लगने से दस्तावेज नष्ट हो गए। इसके पहले संबंधित थानों से दस्तावेज मांगे थे, लेकिन उपलब्ध नहीं हो सके थे। अब बड़ा सवाल है कि ऐसे में जांच कैसे आगे बढ़े।

Back to top button