सिंगापुर: फिनटेक फेस्टिवल में बोले पीएम मोदी- पिछले 12 महीनों में डिजिटल पेमेंट 100 फीसदी बढ़ा

सिंगापुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में फिनटेक कंपनियों के सबसे बड़े कार्यक्रम (फिनटेक फेस्टिवल) में 30 हजार से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकास और गरीबों के लिए हम सरकार में आए. जनधन योजना से देश का हर व्‍यक्ति बैंक से जुड़ा. आधार आर जनधन योजना से लोगों को बहुत अधिक फायदा हुआ. बुजुर्ग और छात्रों के लिए कई नई योजनाओं को तैयार किया. आखिरी व्‍यक्ति तक योजनाओं का फायदा पहुंचाया. भारत दुनिया में सबसे ज्‍यादा मोबाइल बनाने वाला देश बन रहा है.सिंगापुर: फिनटेक फेस्टिवल में बोले पीएम मोदी- पिछले 12 महीनों में डिजिटल पेमेंट 100 फीसदी बढ़ा

पीएम मोदी द्वारा कही गई प्रमुख बातें…

-पिछले 12 महीनों में डिजिटल पेमेंट 100 फीसदी बढ़ा.

-अब 59 मिनट में एक करोड़ रुपये का लोन मिल जाता है.

-डिजिटल पेमेंट से वक्‍त बचता है और पैसे भी.

-जिनके पास मोबाइल नहीं वह आधार के जरिये भुगतान करें.

-अब भी करोड़ों लोगों को बैंकिंग व्‍यवस्‍था में लाना है.

-भारत में इंटरनेट का इस्‍तेमाल सबसे ज्‍यादा होता है.

-भारत का काफी विकास हुआ है, बहुत बाकी है.

-यह तकनीक में बड़े बदलाव का दौर है.

-फिनटेक के लिए ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म को लॉन्‍च करना है.

-सिंगापुर अब वित्‍तीय सेवाओं का हब बन चुका है.

-दुनिया अब डिजिटल होने की तरफ है.

उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार रात को सिंगापुर की 36 घंटे की दो दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गए थे. इस यात्रा के दौरान वह पूर्वी एशिया सम्मेलन, आसियान-भारत अनौपचारिक बैठक, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी बैठक में भाग लेंगे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

सिंगापुर की यात्रा में उनका पहला कार्यक्रम सिंगापुर फिनटेक सम्मेलन में संबोधन रहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर ध्यान बरकरार है. मोदी 13वें पूर्वी एशिया सम्मेलन, आसियान-भारत ब्रेकफास्ट सम्मेलन और आरसीईपी सम्मेलन में भाग लेने के लिए सिंगापुर रवाना. इसके इतर प्रधानमंत्री द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे और सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में महत्वपूर्ण भाषण भी देंगे.

सिंगापुर यात्रा से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि आसियान-भारत तथा पूर्वी एशिया सम्मेलनों में उनकी भागीदारी आसियान के सदस्‍य देशों तथा व्‍यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के भारत के निरंतर संकल्‍प का प्रतीक है.

Back to top button