#सावधान: कुट्टू का आटा सुपरफूड नहीं ‘जहर’, हो सकती है मौत…

नवरात्र के व्रत में कट्टू के आटे की रोटी-पूड़ियां सबका मनपसंद और जरूरी भोजन हो जाता है, लेकिन कुट्टू का आटा इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की भी जरूरत है, क्योंकि यह कई बार ‘जहरीला’ भी हो जाता है। साल 2011 में कुट्टू का आटा खाने के कारण दिल्ली में 200 लोग बीमार हो गए थे। जी हां, नवरात्र के व्रत के इन दिनों में यदि आप कुट्टू के आटे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सचेत हो जाइए। क्योंकि यह खतरनाक साबित हो सकता है।#सावधान: कुट्टू का आटा सुपरफूड नहीं 'जहर', हो सकती है मौत...
यह है कुट्टू का आटा 
कुट्टू का आटा ‘बक्वीट’ के पौधों के बीजों से बनता है। कुट्टू कहे जाने वाले आटे को अंग्रेजी में बक्वीट तो पंजाब में ओखला के नाम से जाना जाता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में फैगोपाइरम एसक्युल्युटम कहते हैं। मिलावटखोरों की वजह से पिछले कुछ सालों से नवरात्र में व्रत रखने वालों के लिए कई बार कुट्टू के आटे से बना खाना ‘जहर’ साबित हुआ है। कुट्टू का आटा अपने अंदर बहुत से गुण छिपाए हुए है।

75 प्रतिशत कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। ये दिल की बीमारियों के के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसमें मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन बी, आयरन, फास्फोरस की मात्रा अधिक होने के कारण इसका इस्तेमाल कई दवाइयों में भी किया जाता है। एक माह से अधिक का आटा खाने लायक नहीं रहता।  

पेट हो जाता है खराब, हो सकती है मौत 

कोरिया जापान और अन्य देशों में हुए शोध रिपोर्ट के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा ने इस पर दो साल तक शोध किया। लैब रिपोर्ट में शुद्ध मिलने वाले कुट्टू आटे को विभिन्न क्षेत्रों में करीब सौ लोगों पर प्रयोग किया। इनको कुट्टू की अलग-अलग मात्रा खिलाकर चेकअप कराया गया।

यूपी में पांच हजार लोगों पर किए गए प्रयोग में 30-35 फीसदी में इससे अत्यंत तीव्र और 40 फीसदी में सामान्य एलर्जी पाई गई। इससे बॉडी में मेडिएटेड एनाफाइलैक्स (बॉडी की क्रियाओं को अनियंत्रित करने वाला रसायन) पैदा होते हैं। शोध में कहा गया है कि ऐसी हालत में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। शरीर में पानी की कमी, आंतों में छेद होने, उच्च रक्तचाप, ब्रेन हेमरेज का खतरा रहता है।

कुट्टू के खराब आटे को खाने से पेट में दर्द, भूख न लगना, लीवर को नुकसान पहुंचाना और आंतों में जख्म आदि परेशानियां हो सकती हैं। कुट्टू का आटा ताजा ही खाना बेहतर रहता है।

ऐसे करता है नुकसान
इसके प्रयोग के चार-सात घंटे के बाद एलर्जिक एक्टिविटीज होती हैं। इससे रिएक्शन जैसे लक्षण दिखते हैं। पेट में तीव्र मरोड़ के साथ दर्द, उल्टी, दस्त, मतिभ्रम (बौखलाहट व स्मृति दोष) हो जाता है। मूत्र से नियंत्रण कम होने लगता है। यहां तक कि मस्तिष्क में खून की नलियों में इसका अत्यधिक असर पड़ता है। 

ऐसे करें स्व:परीक्षण
कुट्टू का प्रयोग करने से पहले खाली पेट इसको थोड़ी मात्रा (20-50 ग्राम) में सेवन करके देख लें। बच्चों को इसको बिल्कुल न दें। एलर्जी होने पर इस्तेमाल से बचें।दूसरा यह भी कि खुले में रखने से इसमें टॉक्सिटी बढ़ जाती है।  नमी और फंगस संक्रमण होता है तो टॉक्सिटी में 20 गुना तक बढ़ोत्तरी हो जाती है।

यही कारण है कि खुला आटा खाने वालों को परेशानी ज्यादा होती है और इसका अहसास भी जल्दी होने लगता है। जबकि साबुत दाना लेकर घर पर सफाई से पिसवाने और फंगस व नमी से बचाकर रखने पर इतनी परेशानी नहीं होती। ऐसा ही विचार डा. एसके गर्ग का है। उन्होंने बताया कि खुले आटे में टॉक्सिटी ज्यादा होने के कारण लोगों पर जल्दी असर होता है, जबकि पैकिंग और साबुत लेकर घर पर पिसवाने वालों पर कम।

एफएसडीए चलाएगा अभियान
यूपी सरकार ने इसकी बिक्री प्रतिबंधित करने की मांग की है।  खाद्य सुरक्षा प्रशासन अभियान चलाएगा, जिसमें मिलावटी और खराब कुट्टू का आटा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आटे को सील कर दिया जाएगा और सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

व्रत में आहार का भी रखें ध्यान
व्रत से शरीर के डाइजेशन सिस्टम को आराम मिलता है और मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। व्रत में अपने खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो इससे नुकसान भी हो सकता है। डा. राजीव गुप्ता बताते हैं कि व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। दिन में छह से आठ गिलास पानी जरूर पीयें।

खाने में ऐसे फल शामिल करें, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो। लंबे व्रत की जगह थोडे़ थोडे़ अंतराल पर कुछ न कुछ फलाहार लेती रहें। पेट खाली होने से एसिडिटी की समस्या आ सकती है। खाने में हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट जैसे आलू, साबूदाना को शामिल करें। ड्राई फ्रूट्स ले सकती हैं। 
 
इन बातों का रखें ध्यान
-आटे में कीड़े-फंगस न लगे हों।
-आटा सील बंद पैकेट में ही लें।
-आटा खुरदरा न हो।
-बाजार से लाया आटा छानकर इस्तेमाल करें।

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