साधु की चिलम ने बना दी जयपुर में कोरोना की चेन

न्यूज़ डेस्क

कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके लिए देश में चल रहे लॉकडाउन को सख्ती से फॉलो करने के लिए सभी से अपील भी कर रही है लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं उनकी लापरवाही कई लोगों की जान आफत में डाल रही है। घटना जयपुर शहर की है।

जयपुर में पहले से ही कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है उसके बाद भी लोग सुधरने के लिए तैयार नहीं है। दरअसल ट्रांसपोर्ट नगर थाना इलाके में स्थित एक प्राचीन मंदिर में पिछले कुछ समय से सात साधु रह रहे थे। साथ ही उन्होंने मंदिर बीस से ज्यादा गाय भी रख ली और उनकी देखभाल करने लगे।

इसके बाद से जयपुर के पॉश इलाके में स्थित मंदिर में जब आसपास के लोग पूजा करने आते तो वे लोग गायों के लिए चारा भी लेकर आने लगे। इसके बाद साधुओं ने गाय के दूध को बेचना शुरू कर दिया। करीब 50 से ज्यादा लोग इनके नियमित ग्राहक बन गए। फ़िलहाल पिछले कुछ समय से ये सब एकदम सही चल रहा था लेकिन इस हफ्ते कुछ ऐसा हुआ जिससे लोगों के होश उड़ गए।

इस मंदिर में रहने वाले साधुओं को चिलम पीने की आदत थी। उनकी इसी आदत ने पूरी चेन बना दी। ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे पर कुछ लोगों के साथा चिलम पीने वाले साधु के कारण मंदिर में रहने वाले अन्य साधुओं की भी परेशानी बढ़ गई। दरअसल चिलम पीने वाले साधु की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इसके बाद से यहां हंगामा मच गया।

मंदिर में रहने वाले सभी साधुओं को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया। साथ ही पास ही स्थित हनुमान जी के एक अन्य मंदिर में रहने वाले तीस लोगों के परिवार को भी बगरु में क्वारेंटाइन कर दिया गया। निगम ने मंदिर में रहने वाली गायों को वहां से हटाकर गौशाला भेजा।

इसके बाद उस मदिर में दूध लेने जाने वाले और चारा डालने वाले करीब पचास परिवारों के तीन सौ लोगों की जानकारी इक्कठा की गई. इसके बाद सभी को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। प्रशासन ने मंदिर को भी आगामी आदेशों तक बंद कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कभी नहीं सोचा था कि दूध लेने और चारा खिलाने से भी कोई परेशानी हो सकती है।

उन्होंने बताया कि सेठी कॉलोनी स्थित राधा बल्लभ जी के मंदिर में जो हुआ उससे चार गुना ज्यादा हालात गलता गेट स्थित एक बड़े मंदिर की है। यह मंदिर दिल्ली रोड पर स्थित है जहां करीब सत्तर से ज्यादा साधु रहते हैं। इसके साथ ही मंदिर में गायें भी रहती हैं और साथ ही आसपास रहने वाले लोगों की गायें भी सवेरे यहीं चारा खाती हैं।

खास बात ये है कि यह इलाका महा कर्फ्यू क्षेत्र में आता है। उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन की तरफ से अभी तक यहां कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं।

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