सांप को दूध पिलाना खतरनाक है या फायदेमंद, जानिये, क्या कहता है धर्म और विज्ञान

नागपंचमी का त्योहार श्रावण कृष्ण पंचमी और श्रावण शुक्ल पंचमी इन दोनों तिथियों में मनाया जाता है। बिहार, बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान में लोग कृष्ण पक्ष में यह त्योहार मनाते हैं जो इस इस साल 2 अगस्त को है। जबकि देश के कई भागों में 15 अगस्त को नागपंचमी मनाई जाएगी। इस अवसर पर नागों को दूध पिलाने की परंपरा ना जानें कितने ही वर्षों से चली आ रही है।

भविष्य पुराण में नागपूजा का महत्व
भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है। मान्‍यता है कि सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और नागदंश का भय नहीं रहता है। यह भी मान्यता है कि नागों की पूजा से अन्‍न-धन के भंडार भी भरे रहते हैं। मगर विज्ञान की मानें तो सांप को दूध पिलाना उसके लिए नुकसानदेय है। आइए जानते हैं कि इस परंपरा के पीछे क्‍या है धार्मिक महत्‍व और क्‍या हैं वैज्ञानिक तर्क…

नागों को दूध पिलाने की धार्मिक मान्‍यताएं
नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने और धान का लावा अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन सपेरे टोलियों में घर-घर घूमकर नागों के दर्शन करवाते हैं और भिक्षा मांगते हैं। श्रद्धालु नागों को दूध पिलाने के साथ सपेरे को भी दान देते हैं।

विज्ञान कहता है सांप को दूध पिलाना खतरनाक
विज्ञान की मानें तो सांप रेप्‍टाइल जीव हैं न कि स्‍तनधारी। रेप्‍टाइल जीव दूध को हजम नहीं कर सकते और ऐसे में कई बार उनकी मृत्‍यु तक हो जाती है। दूध पिलाने से सांप की आंत में इन्‍फेक्‍शन हो सकता है।

सांप को दूध पिलाना इसलिए ठीक नहीं
पशुओं के एक सरकारी डॉक्‍टर राजेश वार्ष्‍णेय ने बताया, ‘सांप का पाचनतंत्र इस प्रकार का नहीं होता कि वह दूध को हजम कर सकें। सांप एक कोल्‍ड ब्‍लडेड और मांसाहारी रेप्‍टाइल है। जबकि दूध का सेवन स्‍तनधारी करते हैं।’ ऐसा करके लोग अपने आराध्‍य नाग देवता की पूजा के बजाए उनको नुकसान पहुंचाते हैं।

नाग पंचमी से पहले होता है ऐसा
नाग पंचमी से महीने-डेढ़ महीने पहले जंगल से सांपों को पकड़ा जाता है। उसके बाद इन्‍हें बहुत ही निर्ममता से भूखा-प्‍यासा रखा जाता है और कई बार तो इनके दांत तक निकाल दिए जाते हैं। ताकि ये काट न सकें। एक महीने तक इस तरह से रहने के बाद सांप का शरीर सूख जाने के साथ ही उसकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। यही वजह है एक महीने तक भूखा-प्‍यासा रहने के बाद नागपंचमी वाले दिन सांप तेजी से दूध पी लेते हैं। लेकिन यह इनके लिए बहुत ही नुकसानदेय होता है।

नागपंचमी पर्व की यह भी है मान्यता
सावन के महीने में नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक कराने का काफी महत्‍व है। भगवान शिव के आशीर्वाद स्वरूप नाग पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करें, इस पर्व को मनाने की यह भी एक मान्‍यता है।

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