सवर्णों के आरक्षण को मोदी सरकार की मंजूरी, ओवैसी ने कहा-संविधान इसकी अनुमति नहीं देता

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि आरक्षण दलितों के साथ ऐतिहासिक अन्याय को सही करने के लिए है. गरीबी मिटाने के लिए कोई भी कई योजनाएं चला सकता है, लेकिन आरक्षण न्याय के लिए बना है. संविधान आर्थिक आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है. ओवैसी का बयान उस समय आया है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है. सवर्णों के आरक्षण को मोदी सरकार की मंजूरी, ओवैसी ने कहा-संविधान इसकी अनुमति नहीं देता

पीएम मोदी की सरकार मंगलवार को इस संबंध में संसद में संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है. यह मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. सूत्रों ने कहा कि सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है.

एक सूत्र ने बताया, ‘‘आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है.’’

उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम होगी और पांच एकड़ तक जमीन होगी. सूत्रों ने बताया कि फैसले को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा.

Back to top button