सरकार का बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट के स्टे तक जाटों को मिलेगा दस फीसदी आरक्षण का लाभ
हरियाणा में जाट पिछड़ा आधार पर आरक्षण न मिलने तक दस फीसदी आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। सरकार ने ये बड़ा फैसला लेकर तोहफा दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर जाटों को ही आरक्षण का फायदा मिलेगा। प्रदेश में लगभग 19 प्रतिशत जाट हैं। लंबे समय से जाट हरियाणा में पिछड़ होने के आधार पर आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस सरकार में जाटों को विशेष पिछड़ा वर्ग का कोटा सृजित कर आरक्षण प्रदान कर दिया था। हालांकि, बाद में यह आरक्षण पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से स्टे हो गया।
लेकिन, 2017 में ये आरक्षण भी कानूनी पचड़े में फंस गया। अभी जाटों को हरियाणा में सरकारी नौकरियों व दाखिलों में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं है। जाट आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश हैं। ऐसे में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा पिछड़ा वर्ग की ओर से जाटों को आरक्षण देने या न देने के मद्देनजर तैयार की जा रही रिपोर्ट पर भी रोक लग गई है। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही तय होना है कि जाट आरक्षण पाने के लिए पात्र हैं या नहीं। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट से स्टे हटने का इंतजार किया जा रहा है।
तब तक जाटों को नौकरियों और दाखिलों में दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार जींद उपचुनाव के नतीजे के बाद आरक्षण लागू करने की तैयारी में है। सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि 31 जनवरी के बाद सीएम मनोहर लाल किसी भी समय कैबिनेट बैठक बुलाकर मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद आरक्षण प्रदान करने का फैसला ले सकते हैं।