हर समस्या का हल हैं, श्रीराम की ये चार बातें
भगवान श्रीराम त्रेतायुग में जन्में, श्रीहरि के अवतार थे। श्रीराम के जीवन से काफी कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने त्रेतायुग में जिस तरह की विषम परिस्थितियों में रहकर भी रावण जैसे दानव का संहार किया, तो अयोध्या में रामराज्य स्थापित कर नए प्रतिमान स्थापित किए। जिनकी चर्चा सदियों बाद यानी कलयुग में भी होती है।
श्रीराम के चरित्र से वैसे तो काफी कुछ सीखने लायक बातें हैं। लेकिन कुछ बातें जो वर्तमान में बिल्कुल सटीक बैठती हैं। यदि कोई भी इंसान इन बातों को अपनी दिनचर्या या जीवन में उतार ले तो उसे कभी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। और वह विषम परिस्थिति में फंस जाए तो हर समस्या का हल भी कर सकता है।
मर्यादा: यदि जिंदगी में मर्यादा का पालन करते हुए जीवन यापन करते हैं तो आपको वर्तमान और भविष्य में किसी भी तरह की कोई भी परेशानी का समाना नहीं करना पड़ेगा। श्रीराम ने अपना सारा जीवन मर्यादा में रहकर गुजारा, इसलिए तो हम प्रभु को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहते हैं।
पद की गरिमा बनाएं रखें: इंसान किसी भी पद पर हो, यदि वह अपने पद की गरिमा रखते हुए कार्य करे तो उसकी सभी जगह प्रशंसा होती है। श्रीराम जब अयोध्या के राजा थे तो अयोध्यावासियों ने सीताजी के चरित्र पर आक्षेप लगाया। तब श्रीराम ने जन यानी अयोध्या की लोगों की बात को सुनते हुए। सीता जी का त्याग किया। इस पूरी घटना का आशय यह है कि यदि आप किसी सर्वोच्च पद पर आसीन हों। तो वहां परिवार कमतर होता है। वहां सिर्फ लोगों को न्याय मिलना चाहिए।
पत्नीव्रता: श्रीराम का विवाह सीताजी के साथ हुआ। वह हमेशा उनके साथ रहीं। इसी तरह यदि इंसान एक पत्नी व्रत का पालन करे तो उसकी जिंदगी बेहतर गुजर सकती हैं।
परिजन की आज्ञा का पालन करना: श्रीराम ने हमेशा अपने परिजन और वरिष्ठ लोगों की आज्ञा का पालन किया। ठीक इसी तरह वर्तमान में हर इंसान अपने माता-पिता और परिजन का आज्ञा का पालन करे तो वह काफी हद तक सफल हो सकता है।