सबरीमाला मंदिर के विरोध में RSS ने सीएम विजयन का घर घेरा, हिरासत में 100 श्रद्धालु
सबरीमला मंदिर पर जारी विरोध आने वाले दिनों में भी थमने वाला नहीं लग रहा है। इसी बीच पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है जिसके विरोध में भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आवास पर जमा होकर रविवार की रात प्रदर्शन किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य तिरुवनंतपुरम स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘क्लिफ हाउस’ के पास एकत्र हुए और वहां प्रदर्शन किया।
रविवार की रात को ही अरणमुला, कोच्चि, कोल्लम, अल्पुझा, रानी, तोडुपुझा, कलाडी, मल्लपुरम और इडुक्की में भी ऐसे प्रदर्शन हुए। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश प्रमुख प्रकाश बाबू ने कहा कि पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ सोमवार को युवा मोर्चा पूरे दिन राज्यव्यापी प्रदर्शनों का आयोजन करेगी। सन्निधानम के नादपंथल इलाके में ताजा प्रदर्शन शुरू होने के बाद रविवार की रात सबरीमला मंदिर में प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया।
यहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पुलिस के प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, ऐसी अपुष्ट सूचना है कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को पथनमथिट्टा जिले के मनियार थाने में ले जाया गया है लेकिन स्थानीय पंबा थाने के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। आरएसएस और भाजपा के कार्यकर्ता अयप्पा के 100 भक्तों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
रविवार रात को 100 भक्त अचानक से मंदिर के बाहर जमा हो गए और मंत्रों का जाप करने लगे। एक घंट तक चले गतिरोध के बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया और बेस कैंप लेकर आई। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में भक्तों ने जमा होकर पुलिस को हैरत में डाल दिया। इसके अलावा उन्होंने वहां से हटने से इंकार कर दिया। पुलिस अधीक्षक यतीश चंद्र और भक्तों के बीच तीखी बहस हुई जिसकी वजह से थोड़ी बहुत हाथापाई भी हुई।
पुलिस ने जब चार आयोजकों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हें मंत्रों का जाप करने की वजह से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। कुछ देर तक चले ड्रामे के बाद श्रद्धालु हिरासत में लिए जाने के लिए तैयार हुए। सबरीमाला मंदिर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा, ‘यहां आपातकाल से बदतर परिस्थिति हो गई है। श्रद्धालुओं को ऊपर जाने नहीं दिया जा रहा है। बिना किसी कारण के धारा 144 लगाई गई है। श्रद्धालु आतंकवादी नहीं हैं। उन्हें यहां 15,000 पुलिबलों की जरूरत क्या है?’