घर से चोरी ‘रविन्द्र नाथ टैगोर’ का नोबल पुरस्कार की प्रतिकृति बरामद, तीन गिरफ्तार

संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) आरपी उपाध्याय ने बताया कि 2004 में महाकवि रविन्द्र नाथ टैगोर का नोबल पुरस्कार चोरी हुआ था, जोकि अब तक नहीं मिला है। ऐसे में 6 फरवरी की रात को जब कैलाश सत्यार्थी के अरावली अपार्टमेंट स्थित फ्लैट से नोबल पुरस्कार की प्रतिकृति समेत अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटना हुई तो दिल्ली पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया। दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी रोमिल बानिया के नेतृत्व में 10 टीमें जांच में लगाई गई।घर से चोरी 'रविन्द्र नाथ टैगोर' का नोबल पुरस्कार की प्रतिकृति बरामद, तीन गिरफ्तार

टीम ने 2016-17 में इसी तरीके से चोरी करने वाले गिरोहों के ऐसे 50 लोगों को चिह्नित किया, जोकि हाल ही में जेल से बाहर आए हैं या फिर जेल में हैं। जांच में पता चला कि संगम विहार निवासी राजन उर्फ नट्टा (25) ने इसी तरीके से चोरी की वारदात को 2016 में सिवालिक अपार्टमेंट में अंजाम दिया था। सिपाही संजू व अशोक ने जब उसके घर पर छापेमारी की तो पता चला कि वह एक सप्ताह से गायब है। टीम उसकी तलाश में जुट गई और शनिवार को सूचना के आधार पर संगम विहार स्थित अग्रवाल स्वीट्स के पास से उसे दबोच लिया। उसके पास से चोरी के कुछ सामान बरामद हुए।

पूछताछ में पता चला कि उसने अपने बड़े भाइयों विनोद उर्फ ¨पकी (35) व सुनील उर्फ सोनू (28) के साथ मिलकर चोरी की थी। इसके बाद पुलिस ने उन दोनों को भी उनके घर से दबोच लिया और वहां से नोबल पुरस्कार की प्रतिकृति, दो लैपटॉप, राडो की एक घड़ी, एक एप्पल का आइपैड, चार ब्रांडेड पेन, दो कैमरा व सोने के गहने बरामद किए। तीनों आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं और अरावली अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान वहां मौजूद झुग्गी में रहते थे। तीनों ही मजदूरी और रंगाई-पोताई का काम करते हैं। राजन पर लूट व चोरी के 6, सुनील पर 8 व विनोद पर 10 मुकदमें दर्ज हैं।

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