एसगार्डिया नाम का यह सेटेलाइट स्पेस में ‘जन्नत’ से पहले बनाएगा एक देश

हॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों में जिस तरह कल्पनाओं की उस दुनिया को सच करके दिखाने की ताकत हो सकती है, वैसी ही एक दुनिया को रशियन साइंटिस्ट सच में बनाने जा रहे हैं। इगर आशुरवेयली नाम के इस रशियन साइंटिस्ट का मानना है कि स्पेस में एक ऐसा देश होना चाहिए जहां राजनीति न हो और अपना अलग कानून हो। एसगार्डिया नाम का एक ऐसा ही सेटेलाइट स्पेस की दुनिया में इस सांइटिस्ट को कल्पना को साकार करने जा रहा है।
 

एसगार्डिया नाम का यह सेटेलाइट स्पेस में 'जन्नत' से पहले बनाएगा एक देशआशुरवेयली ने इस वर्जुअल दुनिया के 2 लाख सिटिजन्स होने की बात कही है। उनका कहना है कि इसके लिए उनके पास 5 लाख आवेदन आए। अक्टूबर 2016 में उन्होंने इस देश की कल्पना की और इसे सच करने के लिए काम करना शुरू कर दिया।

 
अब वो उस सपने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं, जिसे उन्होंने 200 देशों के 5 लाख लोगों को दिखाया था। इसको स्पेस में भेजने के लिए इंटरनेशनल स्पेस एजेंसी नासा से बातचीत करके उसे लांच करने के लिए स्पेस एजेंसी को सौंपा गया है।
 

एसगार्डिया नाम का यह सेटेलाइट स्पेस में 'जन्नत' से पहले बनाएगा एक देशएसगार्ड-1,  5 से 18 महीने तक स्पेस में रहेगा उसके बाद ये खुद ही नष्ट हो जाएगा। एसगार्ड के फाउंडर का कहना है कि ये स्पेस में पर्मानेंट रेजीडेंस की दुनिया में पहला कदम है।

नॉर्स माइथोलॉजी के मुताबिक आसगार्डिया का मतलब सिटी ऑफ गाड से है, यानि की धरती और जन्नत से अलग एक ऐसा देश जहां लोग अपनी स्वतंत्रता के मुताबिक रह सकें और काम कर सकें।
 

2012 में आई हॉलीवुड की फिल्म लॉकआउट और 1998 की हॉलीवुड फिल्म सोल्जर की कहानी भी कल्पनाओं की दुनिया की एक नई कहानी कहती है। सोल्जर की कहानी एक स्पेस जेल के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां भी स्पेस में इंसानों की नई जिंदगी की तलाश को सच होते दिखाया गया है।
 

इस फिल्म में एक स्पेस जेल का कॉन्सेप्ट भी कुछ वैसा ही है जैसा स्पेस में एक नया देश बसा देने की सोच। फिल्म में जघन्य अपराधियों को किसी दूसरे उपग्रह पर छोड़ दिया जाता है जहां धीरे-धीरे बस्तियां बननी शुरू हो जाती हैं।
 
 
 
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