संस्कार की इन अजीबोगरीब और डरावनी प्रथाओ के बारे में जान, सहम जाएंगे आप !

इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है, उसकी एक ना एक दिन मृत्यु होना तो निश्चित है. वैसे इंसान की मृत्यु के बाद मृत शरीर के अंतिम संस्कार करने का रिवाज तो हर जगह है. ऐसे में हर धर्म में मनुष्य के अंतिम संस्कार की अलग अलग प्रथाएं है. कई धर्मो में शरीर को दफनाते है, तो कुछ में शरीर को जलाते हैं. मगर आज हम आपको अंतिम संस्कार से संबंधित कुछ ऐसी पारंपरिक प्रथाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप बिलकुल हैरान रह जाएंगे. इसके साथ ही हम आपकोबता दे कि इनमे से कुछ परम्पराएं पहले होती थी और कुछ अब भी होती है.संस्कार की इन अजीबोगरीब और डरावनी प्रथाओ के बारे में जान, सहम जाएंगे आप !

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१.स्काई बरियल.. गौरतलब है, कि अंतिम संस्कार की ये प्रथा आज भी चल रही है. इस प्रथा का पालन तिब्बत, किंघई और इनर मंगोलिया के इलाकों में होता है. आपको बता दे कि इसमें मरे हुए इंसान के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़ों को काटकर पहाड़ों पर रख दिया जाता है. दरअसल वहां के लोगों का मानना है कि मरने के बाद इंसान का शरीर किसी काम का नहीं रहता और ऐसे में उसे प्रकृति के हवाले ही छोड़ देना चाहिए. इसलिए इन शवों को जंगली जानवर और चिडियाएं खा जाती हैं.

२.फामाडिहाना.. अब जिस प्रथा के बारे में हम बताने जा रहे है, वो प्रथा मैडागास्कर के मलागासी लोगों द्वारा पूरी की जाती है. इसमें मृत शरीर को कब्र से निकालकर साफ कपड़े पहनाकर फिर उसके आस-पास डांस करते हैं. आपको बता दे कि ऐसा करके वह अपने पूर्वजों को याद करते हैं और फिर गांव का एक चक्कर लगवाकर उसे फिर दफना देते हैं.

३.लटकते हुए ताबूत.. आपको जान कर हैरानी होगी कि प्राचीन चाइना के राजवंश में मृत लोगों के ताबूतों को पहाड़ की चोटी पर रखा जाता था. दरअसल उनका मानना था कि निर्जीव इंसान को आकाश के करीब रखने से उसे स्वर्ग नसीब होता है. गौरतलब है, कि पुरातत्व विभाग के लोगों को इन पहाडिय़ों से कई ताबूत भी मिले हैं, जो सदियों पुराने हैं.

४.गिद्धों को खिलाना..  पारसी समुदाय की अंतिम संस्कार की प्रथा आज भी कायम है. वैसे इस प्रथा के अनुसार, मृत्यु के बाद शरीर को नहलाकर पारसियों के धार्मिक स्थान में गिद्धों के लिए छोड़ दिया जाता है. वही इस प्रथा का महत्व ये है कि मरने के बाद इंसान को उसके मानवीय शरीर को त्याग देना चाहिए.

५.गला घोंटना.. आपको जान कर बेहद हैरानी होगी कि सती जैसी प्रथा, फिजी के कुछ इलाकों में आज भी चल रही है. आपको बता दे कि इस प्रथा में मृत इंसान के किसी करीबी का गला घोंट कर उसे मौत दे दी जाती है. दरअसल ऐसा कहा जाता है कि मृतक को दूसरी दुनिया में अकेला नहीं जाना चाहिए और उसके साथ उसके किसी करीबी को भी भेजना चाहिए. जिससे मृत्यु का दुख कम हो जाए.

६.नरभक्षिता.. ये सुनने में वाकई बहुत अजीब लगता है, कि पापुआ न्यू गिनी और ब्राजील के कुछ इलाकों में मरने वालो के करीबी रिश्तेदार उसके शरीर को खा लेते थे. मगर अब यह प्रथा खत्म हो गई है. इसके इलावा ऐसा भी कहा जाता है कि पहले ऐसा इसलिए किया जाता था, क्योंकि इन इलाकों में खाने की कमी थी. जिसके कारण इस प्रथा का जन्म हुआ.

७.पेड़ से बाँधना.. इस प्रथा के अनुसार कुछ लोग अपने मृत रिश्तेदारों के शवों को उनके गांव के किसी पेड़ से लटका देते थे. वैसे कहा जाता है कि इस प्रथा को नास्तिक लोग ही मानते थे, जो किसी धर्म के अनुसार नहीं चलते थे.

८.सती.. ये तो सब जानते है, कि हिन्दू और कुछ दूसरे धर्मों में सती प्रथा को माना जाता था, जिसमें पति की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को भी आग में कूद कर अपनी जान देनी पड़ती थी. मगर 1861 में जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तब क्वीन विक्टोरिया ने इस प्रथा पर रोक लगा दी थी. वैसे इस प्रथा को मानने वालों की मान्यता थी कि पति की मौत के बाद पत्नी की भी इस धरती पर कोई जगह नहीं होती. इसलिए उसे भगवान को सौंप देना चाहिए.

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