संन्यासियों से अलग है कल्पवासियों की दुनिया, एक बार भोजन तीन बार करते है स्नान

कुंभ में नागा संन्यासियों से अलग कल्पवासियसों की अपनी दुनिया है। संगम की धरती पर जितने साधु संन्यासी आए हैं, उतनी ही संख्या में कल्पवासी भी यहां की रेती में ईश्वर आराधना में जुटे हैं। गृहस्थ जीवन वाले यह कल्पवासी यहां आने के बाद पूरी तरह से संन्यासियों जैसा जीवन जीने लगते हैं। दिन में तीन बार स्नान करते हैं और एक बार भोजन। बाकी समय में पूजन-अर्चन और दान दक्षिणा में समय व्यतीत होता है।संन्यासियों से अलग है कल्पवासियों की दुनिया, एक बार भोजन तीन बार करते है स्नान

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