शोरगुल और भीड़ से दूर इन जंगलों में घूमने का अलग ही है मजा

शिमला जिले में स्थित माशोबरा बहुत ही खूबसूरत ट्रैवल डेस्टिनेशन है. जहां आपको घूमने के कई सारे ऑप्शन मिलेंगे.  समुद्र तल से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माशोबरा चारों ओर से चीड़, पाइन और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है. मशोबरा एशिया के सबसे बड़े वाटरशेड के रूप में जाना जाता है. ऑफ-बीट डेस्टिनेशन में शामिल ये जगह एडवेंचर के साथ-साथ रिलैक्सिंग और एन्जॉयमेंट के लिए भी बेस्ट है.     शोरगुल और भीड़ से दूर इन जंगलों में घूमने का अलग ही है मजा

एडवेंचर के लिए ये हैं ऑप्शन्स

यहां आप ट्रैकिंग से लेकर पैराग्लाइडिंग, पोनी राइड्स, कैंपिंग और बारमेन-बसंतपुर रोड पर बाइकिंग जैसे कई सारे एडवेंचर का मजा ले सकते हैं।

कहां घूमें

जाखू मंदिर

शिमला में 8500 फीट की ऊंचाई पर निर्मित हनुमान जी के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि ये रामायण के वक्त से है. इतनी ऊंचाई पर बने होने की वजह से शिमला के किसी भी कोने से आप हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं. जाखू पहाड़ी पर घने जंगलों के बीच बने हुए इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको माशोबरा से लगभग 5 किमी का सफर तय करना पड़ता है.

महासू देवता मंदिर 

भगवान शिव को माशोबरा और आसपास के इलाके के लोग महासू देवता के नाम से पुकारते हैं. हर साल मई महीने के तीसरे मंगलवार को यहां 2 दिनों का महासू जत्रा उत्सव मनाया जाता है. जिसमें  यहां के स्थानीय लोग अपने लोक गीत, नृत्य और तीरंदाजी का प्रदर्शन करते हैं. तो अगर आप यहां  की असली संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं तो मई महीने में अपना ट्रिप प्लान करें.

रिज़र्व फॉरेस्ट सेंचुरी

नेचर लवर्स के लिए मशोबरा का यात्रा इसलिए भी यादगार साबित हो सकती है क्योंकि यहां की इस फॉरेस्ट सेंचुरी में आपको अलग-अलग तरह के बहुत सारे पक्षी देखने को मिलते हैं. चीड़, देवदार के घने जंगलों में पक्षियों की चहचहाट के अलावा आपको किसी भी प्रकार का दूसरा शोर सुनाई नहीं देगा. ट्रैकिंग के अलावा कैंपिग और पिकनिक जैसी कई एक्टिविटीज़ यहां कर सकते हैं. और अगर आप पैदल नहीं चलना चाहते तो साइकिल द्वारा भी पूरे जंगल की सैर कर सकते हैं. 

प्रेसीडेंशियल रिट्रीट

माशोबरा की पहाड़ी पर स्थित ये जगह खासतौर से भारत के राष्ट्रपति के विश्राम के लिए बनाई गई है. जहां साल में कम से कम एक बार राष्ट्रपति इस रीट्रीट में जरूर जाते हैं और यहीं से सभी जरूरी कामों का संचालन करते हैं. दाज्जी दीवार के साथ पूरी तरह लकड़ी से बने हुए इस भवन की खूबसूरत देखते बनती है.       

इसके अलावा माशोबरा में कैरिगनानो, वाइल्ड फ्लॉवर हाल और तातापानी जैसे और भी ऑप्शन हैं जो घूमने और कैमरे में कैद करने लायक हैं.  

कहां ठहरें

माशोबरा में ठहरने के लिए आपको कई सारे ऑप्शन्स आसानी से मिल जाएंगे। क्योंकि यहां शिमला और मनाली जैसी भीड़ देखने को नहीं मिलती. नेचर लवर्स के अलावा यहां आने वाले टूरिस्ट का मकसद सिर्फ और सिर्फ रिलैक्स करना होता है.  ऑनलाइन के अलावा कई सारे ऐप्स द्वारा भी प्री बुकिंग और डिस्काउंट्स का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन हां, बजट ट्रैवलिंग के लिए यहां पहुंचकर और पूछताछ करने के बाद होटल या होमस्टे लेने का आइडिया बेस्ट रहेगा.

कब जाएं

गर्मियां- मार्च से मई का महीना, माशोबरा घूमने-फिरने के लिए बेस्ट होता है क्योंकि उस दौरान यहां का मौसम बहुत ही सुहावना होता है. जिसमें आप कम्फर्टेबल होकर पैराग्लाइडिंग से लेकर बाइकिंग और ऐसे ही दूसरे एडवेंचर का लुत्फ उठा सकते हैं. गर्मियों में यहां का पारा 30 डिग्री तक भी पहुंचता है.

मॉनसून- जून से सितंबर के बीच यहां अच्छी बारिश होती है. जिस दौरान घूमना तो पॉसिबल होता है लेकिन दूसरी एक्टविटीज़ कर पाना थोड़ा मुश्किल.  

सर्दियां- अक्टूबर से फरवरी तक यहां बहुत ठंड होती है. पारा 10 डिग्री तक भी पहुंच जाता है. स्नोफॉल देखने के लिए जनवरी और फरवरी के महीने में आना सही रहेगा.

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग-  शिमला एयरपोर्ट, माशोबरा का सबसे निकटतम एयरपोर्ट है. जहां से लगभग 45 मिनट की ड्राइव करके आप इस खूबसूरत जगह पहुंच सकते हैं. इसके अलावा चंडीगढ़ एयरपोर्ट का भी ऑप्शन है आपके पास. जहां से मशोबरा तक पहुंचने में आपको 3 घंटे लगेंगे. 

रेलमार्ग- मशोबरा तक पहुंचने के लिए शिमला रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है. स्टेशन पर उतरने के बाद आपको बाकी दूरी सड़क से तय करनी पड़ती है.

सड़कमार्ग-  हर एक शहर से हिमाचल प्रदेश के लिए लगातार बसें चलती रहती हैं. बस अड्डे से माशोबरा तक पहुंचने के लिए कैब की सुविधाएं अवेलेबल हैं.

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