शुक्र ग्रह बनाएंगे आपको मालामाल, जानिए कैसे…

ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह को बहुत महत्व दिया जाता है। ये नवग्रह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर कभी न कभी अपना प्रभाव ज़रूर दिखाते हैं। ज्योतिष में हर ग्रह को किसी न किसी देवता के साथ जोड़ा गया है। एेसे ही शुक्र ग्रह का देवी लक्ष्मी से संबंध बताया गया है। माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ हो तो उसके जीवन में खुशहाली रहती है। तो वहीं ये भी कहा जाता है कि जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं पाने के लिए जातक के जीवन में शुक्र का शुभ होना बहुत ज़रूरी होता है। आपको बता दें शुक्र की स्थिति को ठीक करने के लिए आप मां लक्ष्मी से संबंधित कुछ खास उपाय कर सकते हैं। एेसी मान्यता है कि शुक्र के उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और देवी लक्ष्मी के उपाय करने से शुक्र ग्रह की।

तो आइए आज जानते हैं खान-पान में उपयोग होने वाली छोटी इलायची का एक एेसा उपाय, जिसे करने से आपके जीवन में शुक्र की दशा ठीक हो सो सकती है और लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसा सकती है। लेकिन ध्यान रहे कि आप ये उपाय केवल शुक्रवार के दिन ही कर सकते हैं और इसे करने के लिए रात 8 बजे के बाद का ही समय चुनें।

एेसे करें उपाय
शाम के समय अच्छी तरह से हाथ-पैर धोकर स्वच्छ हो जाएं। अब 3 हरी इलायची लें। अगर घर में पूजा स्थल न हो तो गरूड़ पर सवार या कमल के आसन पर बैठी हुई माता लक्ष्मी की तस्वीर को घर के किसी शांत और साफ़ जगह पर स्थापित करें।

फिर इस तस्वीर के सामने 3 इलायची रख दें। इसके बाद सबसे पहले अपने ईष्टदेव का ध्यान करें, फिर देवी लक्ष्मी और श्रीहरि का ध्यान करते हुए शुक्रदेव से अपनी मनोकामना पूरी करने और सभी परेशानियां दूर करने की मन ही मन प्रार्थना करें। प्रार्थना करने के बाद निम्न दिए गए शुक्र मंत्र का 21 बार जाप करें।

मंत्र-
“ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:”

तीनों इलायची को दाएं हाथ की मुट्ठी में बंद करके घर के बाहर जाएं और इसके 3 उल्टे चक्कर (एंटी-क्लॉक वाइज) लगाएं। अब जहां बैठकर पूजा की विधि की हो वहां जाकर बैठ जाएं और सभी भगवान, देवों, नवग्रहों का ध्यान करते हुए अपनी परेशानियां मुंह से बोलकर दूर होने की प्रार्थना करें। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करते हुए आपकी मुट्ठी उसी प्रकार बंद होनी चाहिए।

अब मुट्ठी खोलें और उस पर 3 बार फूंक मारकर इलायची को किसी स्टील या तांबे के कटोरे या कटोरी में रखकर मुख्य द्वार पर ले जाएं। इसपर कपूर रखकर इसे जला दें। जब ये पूरी तरह जल जाए तो इसकी राख को तुलसी के पौधा में डाल दें। अगर तुलसी का पौधा न हो तो इसे किसी भी दूसरे पौधे में डाल दें। मगर दोनों में से कुछ भी करना संभव न हो तो इसे पानी में प्रवाहित कर दें।

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